न्यूज़ डेस्क(Bns)। चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) की सफल लैंडिंग के बाद अब लैंडर रोवर ने कई नई तस्वीरें इसरो को भेजी हैं। इसरो (ISRO) ने शुक्रवार को ट्वीट कर एक वीडियो शेयर किया है। वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे चंद्रयान-3 रोवर लैंडर (Chandrayaan-3 Rover Lander) से चंद्रमा की सतह तक उतरा। इसरो की तरफ से आज जारी किया गया वीडियो 23 अगस्त का है। यह वीडियो लैंडिंग के कुछ घंटे बाद लिया गया था जब लैंडर रोवर चंद्रयान-3 से चांद की सतह पर पहली बार उतरा था। रोवर चांद की सतह पर अब चहलकदमी कर रहा है। इसरो ने कहा कि सभी गतिविधियां निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, सभी प्रणालियां सामान्य रूप से काम कर रही हैं।
चंद्रमा पर चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर के सफलतापूर्वक उतरने के बाद इसरो को उम्मीद है कि इस मिशन की अवधि एक चंद्र दिवस या पृथ्वी के 14 दिन तक सीमित नहीं रहेगी और चांद पर फिर से सूर्य निकलने पर यह पुन: सक्रिय हो सकता है। लैंडर और रोवर के उतरने के बाद, उन पर मौजूद प्रणालियां अब एक के बाद एक प्रयोग करने के लिए तैयार हैं, ताकि उन्हें 14 पृथ्वी दिनों के भीतर पूरा किया जा सके, इससे पहले कि चंद्रमा पर गहरा अंधेरा और अत्यधिक ठंडा मौसम हो जाए। चंद्रयान का लैंडर विक्रम बुधवार शाम 6.04 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा और इसने इस मिशन की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ के साथ एक उद्देश्य पूरा किया।
… … and here is how the Chandrayaan-3 Rover ramped down from the Lander to the Lunar surface. pic.twitter.com/nEU8s1At0W
— ISRO (@isro) August 25, 2023
इससे पहले इसरो ने 23 अगस्त को चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर हाई-रिज़ॉल्यूशन कैमरा (OHRC) द्वारा ली गई चंद्रयान-3 लैंडर की तस्वीरें जारी की हालांकि इसरो ने ट्वीट को थोड़ी देर बाद डिलीट कर दिया। इसरो ने तस्वीरें क्यों डिलीट की अभी तक इसकी वजह सामने नहीं आ पाई है।
#Chandrayaan3 का रोवर प्रज्ञान विक्रम लैंडर से चंद्रमा की सतह तक कैसे उतरा.. 🇮🇳. VIDEO देख प्रफुलित हो जाएगा मन pic.twitter.com/9HJzocNRNY
— भारत न्यूज़ सर्विस #मीडिया और समाचार कंपनी (@LinkBharatnews) August 25, 2023
इसरो ने गुरुवार को आधिकारिक तौर पर घोषणा की कि रोवर प्रज्ञान लैंडर से बाहर निकल गया है। इसने कहा, ‘‘भारत ने चांद पर चहलकदमी की.’’ कुल 1752 किलोग्राम वजनी लैंडर और रोवर चंद्रमा के वातावरण का अध्ययन करने के वास्ते एक चंद्र दिन के प्रकाश में परिचालन करने के लिए डिजाइन किए गए हैं। हालांकि, इसरो के अधिकारी इनके एक और चंद्र दिवस के लिए सक्रिय होने की संभावना को खारिज नहीं कर रहे।
इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने सॉफ्ट लैंडिंग के बाद की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा था, ‘‘इसके बाद एक के बाद एक सारे प्रयोग चलेंगे।
ये सभी चंद्रमा के एक दिन में जो पृथ्वी के 14 दिन के बराबर है, में पूरे करने होंगे।’’ उन्होंने कहा था कि जब तक सूरज की रोशनी रहेगी, सारी प्रणालियों को ऊर्जा मिलती रहेगी। सोमनाथ ने कहा, ‘‘जैसे ही सूर्य अस्त होगा, हर तरफ गहरा अंधेरा होगा।
तापमान शून्य से 180 डिग्री सेल्सियस नीचे चला जाएगा। तब प्रणालियों का काम कर पाना संभव नहीं होगा और यदि यह आगे चालू रहता है तो हमें खुश होना चाहिए कि यह फिर से सक्रिय हो गया है और हम एक बार फिर से प्रणाली पर काम कर पाएंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि ऐसा ही कुछ हो।
https://youtu.be/Cmm69n15GbA