घर्म डेस्क (Bns)। सनातन धर्म में एकादशी का खासा महत्व है। कष्ट निवारण के लिए इस दिन को सबसे उत्तम माना जाता है। प्रत्येक माह में दो एकादशी आती है। एक कृष्णपक्ष और दूसरा शुक्ल पक्ष में। यानी वर्ष भर मे 24 एकादशी।
वहीं अधिकमास की दूसरी एकादशी 12 अगस्त को है। इसे परमा एकादशी कहा जाता है। इस व्रत रखने से दुख, दरिद्रता की समाप्ति होती है। 12 अगस्त को अधिकमास की दूसरी एकादशी है। इसे परमा एकादशी बोलते हैं। प्रत्येक एकादशी का अपना महत्व है। मगर परमा एकादशी 3 वर्ष में एक बार आता है। इस दिन इसका खास महत्व है.’ ऐसे में एकादशी के शुभ अवसर पर कुछ खास उपाय करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति प्राप्त होगी।
परमा एकादशी क्यों है बेहद खास?
वैसे तो सालभर में पड़ने वाली 24 की 24 एकादशियां बेहद खास होती है और इनका अपना अलग-अलग महत्व होता है, लेकिन सावन माह के अधिक और चातुर्मास की दूसरी एकादशी यानी परमा एकादशी का महत्व और भी खास इसलिए हो जाता है क्योंकि ये 3 साल में एक बार आता है और इस दिन किए गए कुछ उपाय आपको कई सारी परेशानियों के छुटकारा दिला सकते हैं।
एकादशी व्रत रखने से क्या होता है?
एकादशी का व्रत रखने से जातकों को मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन में आ रहे कष्टों से भी मुक्ति मिलती है। परमा एकादशी के दिन यदि कुछ उपाय अपनाने से यश और धन की वृद्धि होती है। आइए जानते हैं परमा एकादशी के दिन अपनाए जाने वाले अचूक उपायों के बारे में।
परमा एकादशी पर किए जाने वाले अचूक उपाय
अगर आप संकटों को अपने घर और अपने आप से दूर रखना चाहते हैं तो परमा एकादशी के दिन हनुमान जी की पूजा जरूर करें और उनके सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं। इसके बाद सुंदरकांड और हनुमान चालीसा का पाठ करें। ऐसा करने पर आपके सभी संकट दूर होंगे।
परमा एकादशी के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करना बहुत ही शुभ माना जाता है। कहते हैं इस दिन पीपल के पेड़ की जड़ में जल अर्पित करने और फिर घी का दीपक जलाने के बाद एक तेल का दीया शनिदेव के सामने जलाएं। इस उपाय को करने से व्यक्ति को कर्ज से मुक्ति मिलती है। साथ ही जिन लोगों की कुंडली में शनि में साढ़े साती होती है उन्हें भी इसका दुष्प्रभाव से मुक्ति मिलती है।
अगर किसी व्यक्ति के जीवन में समस्याएं चल रही हैं या फिर विवाह का योग नहीं बन रहा तो परमा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से आपको लाभ मिल सकता है। इसके अलावा ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक इस दिन भगवान विष्णु को पीले रंग के फूल, बेसन के लड्डू और केले का भोग लगाएं। इससे उनका आशीर्वाद मिलेगा और भाग्य मजबूत होगा। साथ ही दांपत्य जीवन में चल रही परेशानियां भी दूर होंगी।
इस दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु का पूजन और साथ में श्रीहरि के ‘ओम नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जाप जरूर करें। इससे उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
परमा एकादशी पर करें शनि देव का उपाय:-
- परमा एकादशी एवं शनिवार का संयोग होने से व्रती इस दिन शनि देव का तेल से अभिषेक करें। काले तिल, काली उड़द का दान करें। निर्धनों को जूते-चप्पल भेंट करें। शनि देव की पूजा सूर्यास्त के पश्चात् ही करें।
- कौवा शनि देव का वाहन है, परमा एकादशी के दिन कौवे को भोजन खिलाने से शनि दोष दूर होता है साथ ही पितर भी प्रसन्न होते हैं, क्योंकि कौवे को दिए भोजन के रूप में पूर्वजों को खाना प्राप्त होता है। विशेष तौर पर एकादशी के दिन ये उपाय करने से पितरों की आत्मा को तृप्ति प्राप्त होती है।
- शनि की साढ़ेसाती चल रही है तो परमा एकादशी के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का चौमुखी दीपक जलाकर दशरथ कृत शनि स्तोत्र का पाठ करें। मान्यता है इससे शनि के प्रकोप से मुक्ति प्राप्त होती है।
- शनिवार के दिन एकादशी का संयोग बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन चीटियों को आटा एवं मछलियों को दाना खिलाना चाहिए। इससे भी शनि देव की कृपा प्राप्त होती है। ये उपाय हर कष्ट से मुक्ति दिलाता है।
- परमा एकादशी के दिन किसी मजदूर को धन, अन्न या काले वस्त्र का दान करें। इससे शनि की विशेष कृपा प्राप्त होती है। साथ ही आर्थिक तंगी से छुटकारा प्राप्त होता है।
━❀꧁*एकादशी व्रत*꧂❀━
*परमा एकादशी*
– शनिवार, 12 अगस्त 2023
*पारण का समय अगले दिन*
– सूर्योदय के बाद
*एकादशी तिथि उत्तर भारत के लिए दी गई है।
अन्य स्थानों के लिए कृपया अपना स्थानीय कैलेंडर में देखें।*