रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज विश्व आदिवासी दिवस 09 अगस्त के अवसर पर छत्तीसगढ़ के विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह ‘‘कमार’’ को एक विशेष तोहफा देते हुए उन्हें पर्यावास अधिकार (Habitat Rights) मान्यता पत्र वितरित किए। प्रदेश में पहली बार विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह को पर्यावास अधिकार प्रदान किया गया। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ देश का दूसरा राज्य बन गया है, जहां विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह को पर्यावास अधिकार दिया गया है। इसी तरह कमार जनजाति समूह प्रदेश का पहला जनजाति समूह है, जिसे राज्य शासन द्वारा पर्यावास अधिकार मिला है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने आज अपने निवास कार्यालय में आयोजित कार्यक्रम में धमतरी जिले के मगरलोड विकासखण्ड अंतर्गत स्थित मगरलोड पाली/उपक्षेत्र (परंपरागत क्षेत्र) के 22 कमार पारा/टोला के मुखिया को पर्यावास अधिकार मान्यता पत्र प्रदान किए।
#विश्व_आदिवासी_दिवस पर विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह ‘‘कमार’’ को मिला तोहफा
– मुख्यमंत्री श्री @bhupeshbaghel ने अपने निवास कार्यालय परिसर में आयोजित विशेष समारोह में @DhamtariDist के मगरलोड विकासखंड अंतर्गत स्थित मगरलोड पाली/उपक्षेत्र (परंपरागत क्षेत्र) के 22 कमार पारा/टोला को… pic.twitter.com/y1NmxI28X8
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) August 9, 2023
कार्यक्रम में आदिम जाति विकास मंत्री मोहन मरकाम, आदिम जाति विकास विभाग के सचिव डी.डी. सिंह, आयुक्त शम्मी आबिदी सहित कमार जनजाति के मुखिया उपस्थित थे।
वन अधिकार अधिनियम 2006 की धारा 2 (ज) में पर्यावास अधिकारों को परिभाषित किया गया है। इसके अनुसार सामान्यतः पर्यावास अधिकार पीव्हीटीजी के पर्यावास क्षेत्र के अंतर्गत उनके पारंपरिक एवं रूढ़िगत सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक और आजीविका से संबंधित पारिस्थितिकी तंत्र पर पारंपरिक रूप से निर्भरता एवं जैव विविधता अथवा पारंपरिक ज्ञान का अधिकार मान्य करने के साथ उनके संरक्षण एवं संवर्द्धन हेतु मान्यता प्रदान करता है। पर्यावास अधिकार प्रदान करने की यह पहल अन्य विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूहों तथा कमार जनजाति समुदाय की अन्य पालियों, उपक्षेत्रों के लिए भी एक मार्गदर्शिका सिद्ध होगा एवं शीघ्र ही अन्य विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूहों के लिए भी इस दिशा में प्रयास किया जाएगा।
मिली सौगात, पूरी हुई आस
खिले चेहरे, कायम है विश्वास#विश्व_आदिवासी_दिवस के अवसर पर @SurgujaDist के #सीतापुर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री @bhupeshbaghel ने जिलेवासियों के लिए कई बड़ी घोषणाएं की।#छत्तीसगढ़_सरकार_भरोसे_की_सरकार #chhattisgarh #bhupeshbaghel pic.twitter.com/YpL4HWClOx— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) August 9, 2023
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा आदिवासियों को अधिकार सम्पन्न बनाने का महत्वपूर्ण कार्य किया गया है। समर्थन मूल्य पर धान, लघु वनोपजों, मिलेट्स की खरीदी के साथ व्यक्तिगत, सामुदायिक वन अधिकार पत्र, सामुदायिक वन संसाधन के अधिकार प्रदान किए गए हैं। छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य है, जहां वन अधिकार मान्यता पत्र के माध्यम से आदिवासियों और वनवासियों को दी गई जमीन की ऋण पुस्तिका बनाई गई है। ऋण पुस्तिका बनने से पट्टेधारियों के लिए समर्थन मूल्य पर कृषि और लघु वनोपजों तथा मिलेट्स उपज बेचना संभव हो रहा है। इसके साथ ही साथ उन्हें कृषि कार्यों के शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण भी उपलब्ध हो रहा है।
मुख्यमंत्री श्री @bhupeshbaghel ने आज #सरगुजा जिले के #सीतापुर में आयोजित कार्यक्रम के दौरान 696 हितग्राहियों को वनाधिकार पत्र का किया वितरण।
– उन्होंने विभिन्न शासकीय योजनाओं के तहत 27 हजार से अधिक हितग्राहियों को आवश्यक दस्तावेज, सामग्रियों और सहायता राशि के चेक का भी वितरण… pic.twitter.com/0UV4TDK7AW
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) August 9, 2023
मुख्यमंत्री ने कहा कि सामुदायिक तथा वन संसाधन वन अधिकार मान्यता पत्र के माध्यम से लाखों हेक्टेयर जमीन वनवासियों को दी गई है। सामुदायिक तथा वन संसाधन मान्यता पत्र के माध्यम से मिले अधिकारों का उपयोग पट्टाधारी किस तरह कर सकें इसके लिए जनजागरूकता अभियान चलाने की जरूरत है। इसके लिए आज वनाधिकार अधिनियम 2006 के अंतर्गत सामुदायिक वन संसाधन अधिकार के संबंध में जागरूकता हेतु ग्राम सभाओं में जागरूकता अभियान के द्वितीय चरण का शुभारंभ किया गया है। इस अभियान का प्रथम चरण वन अधिकार मान्यता पत्र की प्रक्रिया की जानकारी पर केन्द्रित था।
आज #विश्व_आदिवासी_दिवस के मौके पर #बस्तर जिले के जगदलपुर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री @bhupeshbaghel ने #कांगेर_घाटी_राष्ट्रीय_उद्यान के 15 गुफाओं पर आधारित कॉफी टेबल बुक का विमोचन किया।#छत्तीसगढ़_सरकार_भरोसे_की_सरकार #chhattisgarh #bhupeshbaghel @BastarDistrict… pic.twitter.com/pGI2hudVgg
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) August 9, 2023
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन अधिकारों के उपयोग के संबंध में जागरूकता लाने के लिए राज्य सरकार और समाजसेवी संगठनों द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने विभिन्न जनजाति समुदायों के समाज प्रमुखों से भी आग्रह किया कि वे इस काम को प्राथमिकता के साथ हाथ में लें, ताकि आदिवासियों को प्राप्त अधिकारों का वे अधिक से अधिक लाभ उठा सकें। यह प्रयास छत्तीसगढ़ को समृद्ध बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह को पर्यावास अधिकार की मान्यता देने की प्रक्रिया के संबंध में प्रकाशित पुस्तिका का विमोचन किया। इस अवसर पर उन्होंने आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग की योजनाओं की प्रगति से संबंधित पुस्तिका ‘समावेशी विकास के बढ़ते सोपान’ शीर्षक से प्रकाशित कॉफी टेबल बुक, आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा प्रकाशित पुस्तकों ‘छत्तीसगढ़ की जनजातीय वाचिक परम्पराएं’, ‘बस्तर दशहरा’ ‘आदिनाद जनजाति वाद्ययंत्र’ ‘स्मारिका’ का भी विमोचन किया।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के आदिवासी जननायकों द्वारा स्वतंत्रता संग्राम में किये गये योगदान के गौरवपूर्ण स्मरण के रूप में डाक टिकट एवं विशेष आवरण का विमोचन किया। कार्यक्रम के दौरान विभिन्न जनजातियों के वाद्य यंत्रों पर आदिम जाति विकास विभाग द्वारा तैयार किए गए वृत चित्र का प्रदर्शन किया गया।
आज #विश्व_आदिवासी_दिवस पर सीतापुर में आयोजित कार्यक्रम में की गयी महत्वपूर्ण घोषणाएँ आपके साथ साझा कर रहा हूँ। pic.twitter.com/WsPh3uomeg
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) August 9, 2023
आदिम जाति तथा अनुसूचित जनजाति विकास मंत्री मोहन मरकाम ने इस अवसर पर कहा कि आज मगरलोड पाली के विशेष रूप से कमजोर जनजाति कमार समूह को राज्य में प्रथम पर्यावास अधिकार मुख्यमंत्री द्वारा प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि चाहे लघुवनोपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी की बात हो या धान की समर्थन मूल्य में खरीदी हो, मिलेट् का न्यूनतम समर्थन मूल्य हो, हमारी सरकार द्वारा जनजाति हितों को ध्यान में रखा गया है। विशेष पिछड़ी जनजाति समूह के युवाओं को नौकरी देने के बात हो, चाहे जनजाति क्षेत्रों में सुपोषण अभियान हो, मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना हो, आदिवासी परब सम्मान के माध्यम से अनुसूचित क्षेत्र के पंचायतों को सशक्त करना हो, हमारी सरकार और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जनजाति हितों को प्राथमिकता दी है।
प्रदेश में कमार जनजाति मुख्यतः चार जिलों गरियाबंद, महासमुंद, धमतरी एवं कांकेर में निवासरत है। इन सभी जिलों के कमार आवासीय क्षेत्रों को समेकित किए जाने पर उनका पर्यावास क्षेत्र निर्धारित होगा।
इस अवसर पर कलेक्टर धमतरी ऋतुराज रघुवंशी, निदेशक, डाक सेवाएं छत्तीसगढ़ परिमंडल दिनेश मिस्त्री, समाज सेवी मंजीत कौर बल सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा प्रदेश में पहली बार धमतरी जिला के विकास खंड मगरलोड अंतर्गत 22 पीव्हीटीजी पाली के परिवारों के व्यक्तियों को पर्यावास अधिकार प्रदान किए गए हैं। इन अधिकारों के माध्यम से पीव्हीटीजी समुदाय के प्रथागत व्यवस्थाओं, संस्कृति के साथ पारम्परिक अधिकारों को शासकीय दस्तावेज में अभिलिखित करने तथा सुरक्षा, संरक्षण एवं संवर्धन में सहयोग मिलेगा। पीढ़ियों से चली आ रही पारम्परिक आजीविका और पारिस्थितिकी ज्ञान की सुरक्षा और संवर्धन हो सकेगा। विभिन्न विभागों की योजनाओं के अभिसरण के माध्यम से शासन द्वारा इन क्षेत्रों का सशक्तिकरण और विकास किया जा सकेगा। पीव्हीटीजी विकास अभिकरण के माध्यम से समुदाय अनुकूल अधोसंरचना विकास में सहायता मिलेगी।
LIVE: विश्व आदिवासी दिवस कार्यक्रम (मुख्यमंत्री निवास, रायपुर) https://t.co/lppyP6Waiu
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) August 9, 2023