कांग्रेस ने बस्तर में झोंकी ताकत
जगदलपुर। बस्तर में कांग्रेस तीन दशक से जीत का सूखा खत्म करने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है। प्रभारी मंत्री कवासी लखमा और विधायकों ने प्रत्याशी दीपक बैज को जिताने पूरी ताकत झोंक दी है। इससे परे टिकट कटने से नाराज कश्यप बंधु के समर्थक अभी भी पूरी तरह भाजपा प्रत्याशी बैदूराम कश्यप के पक्ष में प्रचार नहीं जुट पाए हैं। भाजपा ने सुकमा और बीजापुर के मुख्य मार्ग से सटे गांवों में आक्रामक प्रचार की रणनीति बनाई है।
कांग्रेस को आखिरी बार बस्तर में वर्ष-91 में जीत हासिल हुई थी। इसके बाद से एक बार निर्दलीय और फिर भाजपा का कब्जा रहा है। ज्यादातर समय बस्तर में कश्यप परिवार का ही दबदबा रहा है। पहले बलीराम कश्यप फिर उनके निधन के बाद उनके पुत्र दिनेश कश्यप यहां का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। भाजपा ने दिनेश कश्यप की टिकट काटकर जिलाध्यक्ष बैदूराम कश्यप को प्रत्याशी बनाया है। बस्तर में पहले चरण में 11 अप्रैल को मतदान होगा। विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अंदरूनी इलाकों में भी जमकर प्रचार किया था। जबकि वहां भाजपा के कार्यकर्ता नहीं जा पाए थे, लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव में नक्सलियों ने चुनाव के बहिष्कार के पोस्टर चिपकाएं हैं। बहिष्कार के पोस्टर न सिर्फ दंतेवाड़ा बल्कि कोंडागांव और नारायपुर सहित अन्य जगहों पर भी दिखाई दिए जा रहे हैं। नक्सलियों के मुखर होने से मतदान कम होने की भी आशंका भी जताई जा रही है।