नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत दिए जाने वाले मुफ्त अनाज वाली स्कीम को अगले साल 31 दिसंबर तक बढ़ाने का फैसला किया है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इसके बारे में जानकारी दी है। मोदी सरकार के इस फैसले का लाभ देश के 81.5 करोड़ लोगों को मिलेगा। उनके मुताबिक इतनी बड़ी आबादी को एक रुपए नहीं देना होगा और उन्हें पूरे साल अनाज उपलब्ध कराया जाएगा। केंद्र सरकार इस योजना पर हर साल 2 लाख रुपए खर्च करेगी। केंद्र सरकार राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत चावल, गेहूं और मोटा अनाज देती है।
केंद्र सरकार ने मुफ्त अनाज योजना को 31 दिसंबर, 2023 तक के लिए बढ़ाने का फैसला किया है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने कोरोना लॉकडाउन के समय से ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत 2020 से मुफ्त अनाज दे रही है। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इस फैसले की जानकारी दी है। उन्होंने कहा है कि अब इस योजना पर अमल शुरू हुए 28 महीने हो चुके हैं। यह स्कीम पहले कई बार बढ़ाई जा चुकी है और अभी इसकी मियाद इसी महीने खत्म होने वाली थी।
केंद्रीय खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि ‘81.35 करोड़ लोगों को अब राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत मुफ्त अनाज मिलेगा। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत चावल, गेहूं और मोटा अनाज क्रमश: तीन दो और एक रुपए की दर पर दी जाती है।’ सरकार के इस फैसले से सरकारी खजाने पर सालाना 2 करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा। गोयल के मुताबिक कैबिनेट ने गरीब कल्याण योजना को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के साथ ही अगले साल दिसंबर तक के लिए मिलाने का निर्णय लिया है। बीते 28 महीनों में सरकार ने मुफ्त अनाज स्कीम पर 1.80 लाख करोड़ रुपए खर्च किए हैं।
PM @NarendraModi जी ने केंद्र सरकार पर जो Food subsidy या अलग अलग प्रकार के खर्च को बढ़ाकर 2 लाख करोड़ रूपए कर दिया है।
इस खर्च को अब केंद्र सरकार पूर्ण रूप से वहन करेगी, और लोगों को अब कुछ भी पैसा भुगतान नहीं करना पड़ेगा: @PiyushGoyal
— Piyush Goyal Office (मोदी का परिवार) (@PiyushGoyalOffc) December 23, 2022