टीबी से मुक्ति पाने संगठित हो रहा छत्तीसगढ़
रायपुर। टीबी या क्षय रोगियों की संख्या को देखते हुए कई तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। राष्ट्रीय कार्यक्रमों के चलते टीबी पर तेजी से नियंत्रण हुआ है। छत्तीसगढ़ में भी चिन्हांकित 43,000 मरीजों को उच्च गुणवत्ता की जांच और उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है। इसी क्रम में राज्य में टीबी की जांच एवं उपचार की सुविधा जिला स्तर पर उपलब्ध कराने के लिए सीबीनॉट मशीन लगाई गई है। इसका विस्तार कर सभी जिलों में सीबीनॉट मशीन लगाई जाएगी। जिससे शंकास्पद मरीजों का 2 घंटे में टीबी होने का पता लगाया जा सकता है।
पूर्व में सुकमा और नारायणपुर जिले में ये मशीन नहीं थी। जिससे वहां टीबी की पहचान और इलाज में परेशानी होती थी। इसे देखते हुए अब इन दोनों जिलों पर भी सीबीनॉट मशीन लगाई जा रही है। राज्य क्षय रोग अधिकारी डॉ. एमआर देशपांडे ने बताया कि छत्तीसगढ़ में टीबी मुक्ति के लिए सामुहिक प्रयास किया जा रहा है। जनवरी 2018 से दिसंबर 2018 तक प्रदेश में कुल 43,000 टीबी मरीज चिन्हांकित हुए हैं। इनमें सरकारी में लगभग 31,000 और प्राइवेट में लगभग 12,000 हैं।
दिखे ये लक्षण तो ना करें देर, टीबी या क्षय रोग से डरकरए जानकारी के अभाव में लोग ज्यादा स्थिति बिगाड़ लेते हैं। यदि दो सप्ताह से अधिक खांसीए बुखार विशेष तौर से शाम को बढऩे वाले बुखार, छाती में दर्द, वजन का घटना, भूख में कमी, बलगम के साथ खून आने पर स्वत: ही समझ लेना चाहिए कि संबंधित व्यक्ति को टीबी रोग हो सकता है। ऐसे में बिना देर किए चिकित्सक से संपर्क करना चाहिए। डाट्स प्रणाली एवं अन्य तकनीकी जांच टीबी के कीटाणुओं को निष्क्रिय कर रोग से मुक्ति दिला सकती है।
वर्ष 2018 नवंबर तक कि स्थिति, अधिकारियों के मुताबक सीबीनॉट द्वारा वर्ष 2018 माह नवंबर तक कुल 41744 संदेहास्पद टीबी मरीजों की जांच की गई। जिसमें 9879 टीबी मरीज एवं 363 ड्रग रेजिस्टेंट टीबी मरीज पाए गएए जिनको उपचार दिया जा रहा है। सरकार ने 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। जबकि सस्टेनेबल डेवलप्मेंट गोल के अंतर्गत दुनिया को 2030 तक टीबी से मुक्त बनाने का लक्ष्य है।
00 सभी जिलों में टीबी जांच के लिए लगेगी सीबीनॉट मशीन