सीजीएमएससी को भी जांच दायरे में लेने की मांग

सीजीएमएससी को भी जांच दायरे में लेने की मांग

रायपुर। डीकेएस अस्पताल में हुई 50 करोड़ की गड़बड़ी में अब छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विस कार्पोरेशन(सीजीएमएससी) की भूमिका पर भी सवाल उठने लगे हैं। एक सामाजिक कार्यकर्ता ने महालेखाकार छत्तीसगढ़ को पत्र लिखकर से उस संस्था को भी जांच के दायरे में लेने की मांग की है। कहा गया है कि डीकेएस में दवा-मशीन व अन्य खरीदी के लिए वर्क आर्डर जारी करते समय छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विस कार्पोरेशन की क्या भूमिका रही, इसकी जांच की जाए। उन्होंने आशंका जताई है कि कार्पोरेशन की मिलीभगत के बिना वहां इतनी बड़ी गड़बड़ी संभव नहीं है।

सामाजिक कार्यकर्ता शैलेंद्र खंडेलवाल ने महालेखाकार को लिखे पत्र में कहा है कि अखबारों में डीकेएस सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल की खरीदी में व्यापक गड़बड़ी की खबरें आ रही है। जबकि आर्थिक अनियमितता पर सर्वाधिक प्रभावी नियंत्रण महालेखाकार दफ्तर का होता है। राज्य शासन ने स्वास्थ्य सेवाओं में खरीदी के लिए छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विस कार्पोरेशन का गठन किया है। ऐसे में डीकेएस में खरीदी को लेकर हुई गड़बड़ी की जांच के दायरे में इस कार्पोरेशन को भी लिया जाए, ताकि आगे दस्तावेजों से छेड़छाड़ न हो सके।

उन्होंने महालेखाकार से तीन बिंदुओं पर जांच की मांग की है, जिसमें निविदा आबंटन प्रक्रिया में प्रचलित नियमों का पालन नहीं करते हुए कार्य आदेश जारी करने के पूर्व नियमानुसार राज्य शासन से अनुमति ली गई या नहीं प्रमुख है। इसके अलावा पहले-दूसरे नंबर पर आए प्रस्तावों को ठुकराकर तीसरे नंबर के निविदाकर्ता को लाभ पहुंचाने दी गई निविदा और महंगे उपकरणों के इंस्टालेशन के लिए तकनीकी मापदंडों की अनदेखी कर अनुचित लाभ पहुंचाना शामिल है। उन्होंने कहा है कि गड़बड़ी से मशीन की प्रस्ताव अनुसार कीमत, उपकरण की गुणवत्ता सेवा और रोगियों पर उपयोग का जोखिम प्रभावित हुआ है।

00 महालेखाकार को पत्र

संबंधित समाचार

Leave a Comment

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.