नई दिल्ली। बुधवार को राज्यसभा में अनुचित आचरण के लिए तृणमूल कांग्रेस के 6 सांसदों को एक दिन के लिए सस्पेंड कर दिया गया। सस्पेंड होने के बाद सांसदों ने राज्यसभा की लॉबी में प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के दौरान लॉबी की एक खिड़की पर लगी कांच टूट गई। कांच टूटने के दौरान एक महिला सुरक्षाकर्मी भी जख्मी हो गईं। बताया जा रहा है कि जब राज्यसभा में इन सभी सांसदों को कार्यवाही से बाहर जाने के लिए कहा गया तब उन्होंने राज्यसभा की गैलरी में घुसने का प्रयास किया, लेकिन यहां तैनात सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक लिया।
इसके बाद गैलरी के एंट्रेस के पास सस्पेंड विधायक प्रदर्शन करने लगे और गाना गाने लगे। जब राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी तब उसके बाद निलंबित सांसदों ने जबरन राज्यसभा चैम्बर में घुसने की कोशिश की। आरोप है कि इसी दौरान सांसद अर्पिता घोष ने लॉबी में खिड़की की कांच को तोड़ दिया। कांच लगने की इसकी वजह से एक महिला सुरक्षाकर्मी घायल हो गईं। इस मामले में संसद में सुरक्षा से जुड़ी एक समिति पूरी घटना का रिपोर्ट भी तैयार कर रही है।
इससे पहले राज्यसभा चेयरमैन वेंकैया नायडू ने छहों सांसदों को आज दिनभर के लिए सदन छोड़ने को कहा। गौरतलब है कि नियम 255 के तहत इन सांसदों को दिन भर के लिए निलंबित किया गया है। ये सांसद राज्यसभा में सदन के भीतर प्ले कार्ड लेकर हंगामा कर रहे थे और चेयरमैन के बार-बार कहने के बावजूद सदन की कार्यवाही को बाधित कर रहे थे।
जिन सांसदों को निलंबित किया गया था, उनमें सांसद डोला सेन, नदीमुल हक़, अबीर रंजन बिश्वास, शांता क्षेत्री, अर्पित घोष और मौसम नूर शामिल थे। खास बात यह है कि यह सभी सांसद तृणमूल कांग्रेस पार्टी से हैं। इस हंगामे और कार्रवाई के बाद सभापति नायडू ने विभिन्न पार्टियों के नेताओं से बात की। इनमें प्रदर्शन कर रही पार्टियों के नेता भी शामिल रहे। राज्यसभा सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि नायडू ने नेताओं से कहा कि व्यापक सहमति के बाद ही सदन में किसी भी मुद्दे पर चर्चा की जा सकती है। बुधवार को कार्रवाई शुरू होते ही राज्यसभा और लोकसभा दोनों में पेगासस जासूसी विवाद और किसानों के मुद्दे को लेकर हंगामा शुरू हो गया। कई बार सदन को स्थगित करना पड़ा था।