जयपुर। राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने जयपुर ग्रेटर नगर निगम की मेयर सौम्या गुर्जर को निलंबित कर दिया है। उनके साथ ही दो चेयरमैन और एक पार्षद के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। राजस्थान में पहली बार किसी मेयर का निलंबन हुआ है।
दरअसल, जयपुर ग्रेटर नगर निगम महापौर (मेयर) सौम्या गुर्जर और कमिश्नर यज्ञमित्र देवसिंह के भी बीच कचरा उठाने वाली कंपनी को लेकर विवाद हुआ था। मामले में राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार तुरंत एक्शन मोड में आ गई। राजस्थान सरकार ने रविवार रात करीब 11.30 बजे भाजपा से मेयर सौम्या गुर्जर, दो चेयरमैन वार्ड 39 के पार्षद अजय सिंह चौहान व वार्ड 72 के पार्षद पारस जैन और वार्ड 103 के पार्षद शंकर शर्मा के निलंबन के आदेश जारी कर दिए।
मेयर सौम्या गुर्जर व पार्षदों पर शुक्रवार को आयोजित जयपुर ग्रेटर नगर निगम की बैठक में कमिश्नर यज्ञमित्रदेव सिंह को अपशब्द कहने और धक्कामुक्की का आरोप है। इनके निलंबन के आदेश राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के निर्देश पर डीएलबी डायरेक्टर दीपक नंदी ने जारी किए हैं।
राजस्थान सरकार द्वारा जयपुर ग्रेटर नगर निगम की महापौर डॉ.सौम्या जी गुर्जर और 3 पार्षदों के निलंबन का तानाशाही फरमान आपातकाल की याद दिलाता है। राजनीतिक द्वेषतापूर्वक सरकार द्वारा लिए गए इस निर्णय का जनता और भाजपा ईट से ईट बजा कर जवाब देगी। pic.twitter.com/hPfF0F4zCh
— Rao Rajendra Singh (Modi Ka Parivaar) (@RaoRajendraBJP) June 7, 2021
मीडिया से बातचीत में मेयर सौम्या गुर्जर ने अपने निलंबन के बाद कहा कि राजस्थान सरकार अपनी हठधर्मिता के चलते उन पर जबरन दोष मढ रही है। भाजपा बहुमत में है। इसके बावजूद कांग्रेस की सरकार जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों को काम नहीं करने देना चाह रही। बिना किसी सबूत और बिना किसी सुनवाई के सरकार ने निलंबन किया है। इस संबंध में जरूरत पड़ी तो कोर्ट का रास्ता भी अपनाया जा जाएगा।
जयपुर ग्रेटर निगम महापौर सौम्या गुर्जर को निगम कमिश्नर के साथ हाथापाई मामले में सरकार ने किया निलंबित..✍️ pic.twitter.com/sEReEQcCUR
— Lakhraj Awana (@LakhrajAwana) June 6, 2021
3 जून : मेयर सौम्या गुर्जर ने कमिश्नर यज्ञमित्र देवसिंह को पत्रावली भेजी कि बीवीजी कंपनी हड़ताल पर जा रही है। जोन कार्यालय से रिपोर्ट लेकर इसकी पुष्टि की जाए। साथ ही जनहित के कार्यों को रोककर फर्म द्वारा नगर निगम पर अनावश्यक दबाव नहीं बनाया जाए।
4 जून : बीवीजी कंपनी को पेमेंट करने व अन्य मामलों पर हुई बैठक में मेयर ने कमिश्नर पर गंभीर आरोप लगाए। विवाद इतना बढ़ गया कि कमिश्नर मीटिंग छोड़कर चले गए थे। मेयर का कहना था कि कमिश्नर बीवीजी कंपनी के साथ मिलकर जेबें भरने में लगे हैं।
5 जून : यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने डीएलबी में आरएएस रेणू खंडेलवाल को पूरे मामले की जांच सौंपी थी। कमिश्नर ने मेयर की सुरक्षा में लगे चार होमगार्ड को हटवा दिया।
6 जून : आरएएस रेणू खंडेलवाल की जांच के आधार पर ही रविवार रात मेयर और तीन चेयरमैनों को निलंबित किए जाने के आदेश जारी किए गए।
जिसके साथ श्रेष्ठ विचार रहते हैं, वह कभी भी अकेला नहीं रह सकता।🙏 pic.twitter.com/MJ5r24OXjK
— Dr Somya Gurjar (Modi Ka Parivar ) (@drsomyagurjar) June 7, 2021