राजनैतिक दल आदर्श आचरण संहिता का अक्षरश: पालन करें- डॉ. भुरे
मुंगेली। कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने कलेक्टोरेट स्थित मनियारी सभाकक्ष में राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों की बैठक लेकर आदर्श आचरण संहिता के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। उन्होने राजनैतिक दलों से कहा कि आदर्श आचरण संहिता का अक्षरश: पालन करें।
बैठक में बताया गया कि किसी भी दल या अभ्यर्थी को ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिय, जो विभिन्न जातियों और धार्मिक या भाषायी समुदायों के बीच विद्यमान मतभेदों को बढ़ायें या घृणा की भावना उत्पन्न करें या तनाव पैदा करें। जब अन्य राजनैतिक दलों की आलोचना की जायें, तो वह उनकी नीतियों और कार्यक्रम, पूर्व रिकार्ड और कार्य तक ही सीमिति होनी चाहिये। यह भी आवश्यक है कि व्यक्तिगत जीवन के ऐसे सभी पहलुओं की आलोचना नहीं की जानी चाहिये, जिनका संबंध अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के सार्वजनिक क्रियाकलाप से न हो। दलों या उनके कार्यकर्ताओं के बारे में कोई ऐसी आलोचना नहीं की जानी चाहिये, जो ऐसे आरोपों पर जिनकी सत्यता स्थापित न हुई हो या जो तोड़-मरोड़कर कही गई बातों पर आधारित हो। मत प्राप्त करने के लिये जातीय या साम्प्रदायिक भावनाओं की दुहाई नहीं दी जानी चाहिये। मस्जिदों, गिरजाघरों, मंदिरों या पूजा के अन्य स्थानों का निर्वाचन प्रचार के मंच के रूप में प्रयोग नहीं किया जाना चाहिये।
सभी दलों और अभ्यर्थियों को ऐसे सभी कार्यो से ईमानदारी के साथ बचना चाहिये, जो निर्वाचन विधि के अधीन भ्रष्ट आचरण और अपराध है जैसे कि मतदाताओं को रिश्वत देना, मतदाताओं को डराना/धमकाना, मतदाताओं का प्रतिरूपण, मतदान केन्द्र के 100 मीटर के भीतर मत याचना करना, मतदान की समाप्ति के लिये नियत समय को खत्म होने वाली 48 घंटे की अवधि के दौरान सार्वजनिक सभाएं करना और मतदाताओं को वाहन से मतदान केन्द्रों तक ले जाना और वहां से वापस लाना। सभी राजनैतिक दलों या अभ्यर्थियों को इस बात का प्रयास करना चाहिये कि वे प्रत्येक व्यक्ति के शांतिपूर्ण और विघ्नरहित घरेलू जिंदगी के अधिकार का आदर करें चाहे वे उसके राजनैतिक विचारों या कार्यो के कितने ही विरूद्ध क्यों न हो। व्यक्तियों के विचारों या कार्यो का विरोध करने के लिये उनके घरों के सामने प्रदर्शन करने या धरना देने के तरीकों का सहारा किसी भी परिस्थिति में नहीं लेना चाहिये। किसी भी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी को ध्वजदण्ड बनाने, ध्वज टांगने, सूचनाएं चिपकाने, नारे लिखने आदि के लिये किसी भी व्यक्ति को भूमि, भवन, अहाते, दीवार आदि का उसकी अनुमति के बिना उपयोग करने की अनुमति अपने अनुयायियों को नहीं देना चाहिये।
00 कलेक्टर ने ली राजनैतिक दलों के पदाधिकारियों की बैठक