एसईसीएल ने प्रोडक्शन और डिस्पैच में एमसीएल को पीछे छोड़ा
बिलासपुर। कोल इंडिया की सबसे बड़ी कंपनी साउथ ईस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड की हालत कुछ सालों से डगमगा रही थी। लेकिन, इस वित्तीय वर्ष में आउटस्टैंडिंग पारफारमेंस दिखाते हुए कंपनी ने महानदी कोल फील्ड्स को पीछे छोड़ते हुए काफी आगे निकल गई है। प्रोडक्शन से लेकर डिस्पैच तक मे एसईसीएल ने कोल इंडिया में फिर से दबदबा कायम कर अपना पुराना गौरव हासिल करने की स्थिति में पहुंच गई है।
कुछ साल से प्रोडक्शन में दोनों कंपनियों में जबर्दस्त कंपीटिशन चल रहा था। एमसीएल ऐसी नेट-टू-नेक फाइट दे रही थी कि माना जा रहा था कि वह कभी भी एसईसीएल को पटखनी देकर कोल इंडिया की नम्बर वन कंपनी बन जाएगी। कोल इंडिया के गठन के बाद से नम्बर वन कंपनी का तमगा एसईसीएल के पास था। लेकिन, नई कंपनी एमसीएल ने एसईसीएल की बादशाहत को ऐसी चुनौती दी कि कोल इंडिया के अफसर भी चौंक गए थे। लेकिन, इस साल एसईसीएल अपना पुराना पोजीशन हासिल करने की स्थिति में आ गई है।
कल 10 मार्च की तारीख में एसईसीएल उत्पादन में एमसीएल से लगभग 13 मिलियन टन आगे हो गया है। 10 मार्च तक एसईसीएल का उत्पादन 144.23 मिलिटन टन पहुंच गया। वहीं, एमसीएल का 131.72 मिलियन टन हो पाया। डिस्पैच में भी एसईसीएल काफी आगे हैं। 10 मार्च की डेट में एसईसीएल ने 146.18 मिलियन टन कोयले का डिस्पैच किया। वहीं, एमसीएल का डिस्पैच 132.79 मिलियन टन रहा। याने लदान में भी एसईसीएल और एमसीएल में लगभग 13 मिलियन टन का अंतर रहा।
यही नहीं, एक दिन के डिस्पैच में भी एसईसीएल ने अपना पुराना रिकार्ड तोड़ते हुए पांच लाख मिलियन टन से उपर पहुंच गई। इस साल एक मार्च को कंपनी ने पांच लाख पांच मिलियन टन कोयला का उत्पादन कर कोयला फील्ड के जानकारों को चौंका दिया। मार्च महीना तो वैसे भी कंपनियों के लिए काफी चैलेंजिंग रहता है। लेकिन, एसईसीएल रोज प्रोडक्शन का नया रिकार्ड बना रहा है। संकेत हैं, इस साल एसईसीएल का प्रोडक्शन 155-160 मिलियन टन के आसपास पहुंच जाएगा।
जाहिर है, एसईसीएल को यह उपलब्धि उसके कुशल नेतृत्व और तालमेल की वजह से मिली है। कंपनी के अफसर बताते हैं, एसईसीएल प्रबंधन ने लगातार मानिटरिंग कर सिस्टम को ठीक किया। कंपनी के पास ऐसे सिस्टम हो गए हैं कि चंद सेकेंड में मालगाड़ी का एक रैक लोड हो जाता है। कंपनी ने कोल खनन की तकनीक को और अपग्रेड किया। वहीं, कामगारों का हौसला बढ़ाने के लेवल पर भी कई फैसले किए गए। एसईसीएल के हजारों आवासों को दुरुस्त करने का बड़ा काम कंपनी ने इस बार किया। समय पर प्रमोशन दिया गया। इससे कामगारों, अफसरों का हौसला अफजाई हुआ। इसका लाभ भी कंपनी के काम में मिला।