राजिम मेला में श्रद्धालुओं को आकर्षित करने की अद्भुत क्षमता – राज्यपाल

राजिम मेला में श्रद्धालुओं को आकर्षित करने की अद्भुत क्षमता – राज्यपाल

गरियाबंद। त्रिवेणी संगम के तट पर 15 दिनों तक आयोजित होने वाले राजिम माघी पुन्नी मेला का सोमवार को समापन हुआ। समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ शासन की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल उपस्थित रही। वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता धर्मस्व, पर्यटन व संस्कृति मंत्री श्री ताम्रध्वज साहू ने की। समापन समारोह महामण्डलेश्वर श्री शिवस्वरूपानंद जी महाराज जोधपुर, महंत श्री रामसुन्दर जी महाराज राजिम, संत श्री धर्मेन्द्र साहेब जी इलाहाबाद, स्वामी डॉ. गंगादास उदासीन जी महाराज हरिद्वार, महंत साध्वी प्रज्ञा भारती जी, श्री रामबालक दास जी डौण्डीलोहारा तथा देशभर से आए साधु-संतों के सानिध्य में हुआ। इस अवसर पर महासमुन्द सांसद चन्दूलाल साहू, पूर्व विधायक लेखराम साहू, जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. श्वेता शर्मा, नगर पालिका अध्यक्ष श्री विजय गोयल, नगर पंचायत राजिम पवन सोनकर, अध्यक्ष जनपद पंचायत मगरलोड श्रीमती निरूपा दाऊ एवं अध्यक्ष अभनपुर खेमराज कोसले की गरिमामय उपस्थिति में सम्पन्न हुआ।

समापन समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि राज्यपाल श्रीमती आनंदी बेन पटेल ने कहा कि पवित्र नगरी राजिम में आकर अत्याधित प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने राजिम पुन्नी मेले में आए देशभर के साधु संतों का स्वागत करते हुए कहा कि इस आयोजन के लिए धर्मस्व, संस्कृति एवं पर्यटन विभाग व जिला प्रशासन स्वागत योग्य है। राजिम त्रिवेणी संगम है और इसे छत्तीसगढ़ का प्रयाग कहा जाता है। हमारे देश में राजिम मेला जैसे आयोजन होते हैं और ऐसे आयोजनों से विभिन्न संस्कृतियों का संगम है। राजिम माघी पुन्नी मेला का इतिहास ऐतिहासिक और गौरवशाली है। राजिम के मेला में श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित करने की अद्भुत क्षमता है। यह मेला इसलिए भी विशेष है क्योंकि इस बार यहां पारंपरिक खेलों व कला को अलग से मंच दिया गया। इसके लिए छत्तीसगढ़ शासन बधाई की पात्र है। राजिम माघी पुन्नी मेला पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र है। राज्यपाल ने मंच से नदियों के सरंक्षण व साफ सफाई को लेकर लोगों को जागरुक रहने का संदेश दिया। अंत में उन्होंने कहा कि त्रिवेणी संगम को साफ सुथरा और प्रदुषण मुक्त करें।

इसके पूर्व राज्यपाल श्रीमती पटेल ने भगवान राजीव लोचन मंदिर एवं महानदी आरती शामिल होकर में पूजा-अर्चना की और प्रदेश खुशहाली के लिए कामना की। मंच पर स्वागत उद्बोधन धर्मस्व, संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री एवं समारोह के अध्यक्ष श्री ताम्रध्वज साहू ने दिया। उन्होंने राजिम माघी पुन्नी मेला के सफल आयोजन के लिए विभागीय अधिकारियों को साधुवाद दिया। उन्होंने कहा कि राज्य में सरकार बनने के बाद पहली बार हमने राजिम माघी पुन्नी मेला का आयोजन किया है। यह हमारा पहला आयोजन है और कोई कमी हो तो उसे साधु-संतों और नागरिकों की सुझाव पर बेहतर बनाया जायेगा। हमने छत्तीसगढ़ी संस्कृति की झलक दिखाने के लिए लोक खेलों का आयोजन किया तथा विलुप्त होते नाचा व पंडवानी जैसे लोक विधाओं को विशेष स्थाना दिया। वहीं कबड्डी, खो-खो, गिल्ली डंडा और गेड़ी जैसे स्थानीय खेलों को महत्व देते हुए उनकी प्रतियोगिता कराई। साथ ही पारंपरिक खेलों का आयोजन कर छत्तीसगढ़ी संस्कृति को सामने लाने का प्रयास किया है। हमने लोक कला को बढ़ावा देने के लिए अगल से मंच बनवाया जहां से प्रदेश भर के अनेक विधाओं का प्रदर्शन हुआ।

00 राजिम माघी पुन्नी मेला का समापन समारोह

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