कलेक्टर एवं जिला पंचायत सीईओ ने विभिन्न गांवो का किया निरीक्षण
जांजगीर-चांपा। राज्य सरकार के निर्देशानुसार नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी का वैज्ञानिक तरीक से प्रबंधन कर मॉडल ग्राम पंचायत के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके लिए प्रथम चरण में जिले के 15 प्रतिशत गावों का चयन किया जा रहा है। कलेक्टर श्री नीरज कुमार बनसोड़ और जिला पंचायत सीईओ श्री अजीत वसंत ने बम्हनीडीह विकासखण्ड के ग्राम लखुर्री, मालखरौदा विकासखण्ड के ग्राम सतगढ़ और सक्ती विकासखण्ड के ग्राम डुमरपारा का निरीक्षण कर नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी के बेहतर प्रबंधन के संबंध में ग्रामीणो से चर्चा की।
कलेक्टर ने ग्रामीणों से चर्चा करते हुए कहा कि पशुपालन कर किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं। पशुपालन से उपजाऊ खाद भी मिलेगा। जिससे फसल उत्पादन में वृद्धि होगी। नाला का वैज्ञानिक ढंग से प्रबंधन कर भू-जल स्त्रोत को अनुकूल बनाया जा सकता है। जिससे गर्मी के मौसम में निस्तारी के लिए पानी और फसल सिंचाई के लिए भी पानी उपलब्ध रहेगी। कलेक्टर ने कहा कि धान के फसल के साथ-साथ सब्जी, भाजी, मसाला, दलहन तिलहन के उत्पादन से किसानों का आर्थिक विकास होगा। साथ ही फसल चक्र अपनाने से खेत की उर्वरता भी बनी रहेगी। उन्होंने ग्रामीण अभियांत्रिकी विभाग को नाला बंधान के लिए कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिये। उद्यानिकी विभाग और कृषि विभाग की योजना के तहत दलहन, तिलहन के फसल और सब्जी, भाजी मसाला उत्पादन की योजना का प्रचार-प्रसार कर किसानों को प्रेरित करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिये। इसी प्रकार पशुधन विकास विभाग को भी विभागीय योजनाओं के क्रियांवन के संबंध में निर्देश दिए। जिला पंचायत सीईओ ने कहा कि मनरेगा के तहत नाला बंधान आदि के कार्य स्वीकृत किये जाएंगे। इसी प्रकार गोठान और चारागाह के लिए भी कार्य स्वीकृत किया जाएगा।