कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता संजय झा ने खोली कांग्रेस की ‘अवसरवादी राजनीति’ की पोल, पूछा सवाल- खुद MSP पर कानून क्यों नहीं बना पाई कांग्रेस?

न्यूज़ डेस्क। अवसरवादी राजनीति की पहचान बन चुकी कांग्रेस, स्वामीनाथान आयोग की रिपोर्ट को लागू करना हो या MSP को कानूनी रूप देना, कांग्रेस ने हमेशा किसानों के साथ छल किया। लेकिन सत्ता से बेदखल होते ही उसे स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट और MSP की याद आने लगी है। किसान आंदोलन के बीच कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल भी सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। हालांकि कांग्रेस के इस अवसरवादी राजनीति पर उसके ही पूर्व प्रवक्ता संजय झा ने करारा हमला बोला है।

कांग्रेस में आंतरिक चुनाव और गैर गांधी अध्यक्ष की मांग को लेकर पार्टी से निष्कासित किए गए पूर्व प्रवक्ता संजय झा ने एक बार फिर कांग्रेस को घेरते हुए किसान बिल पर ‘अवसरवादी राजनीति’ से बचाने की सलाह दी है। उन्होंने बुधवार को ट्वीट करते हुए लिखा कि किसान बिल पर कांग्रेस ने अवसरवादी राजनीति के साथ एक भयानक गलती कर रही है। हमने 2019 के चुनाव घोषणापत्र में किए गए अपने वादे पर पानी फेर दिया है। यह अप्रत्याशित है और अगर हम डील-ब्रेकर हैं तो हमने खुद एमएसपी को लेकर कानून क्यों नहीं बनाया?

इससे पहले 18 सितंबर, 2020 को भी संजय झा ने ट्वीट कर कांग्रेस पर हमला बोला था। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा था, ‘साल 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस ने भी अपने घोषणापत्र में MSP अधिनियम को खत्म करने और कृषि उत्पादों को प्रतिबंधों से मुक्त करने की बात कही थी।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने जो वादा अपने घोषणापत्र में किया था, वही मोदी सरकार ने पूरा किया है।

गौरतलब है कि कांग्रेस ने किसान संगठनों के साथ केंद्र की मोदी सरकार की बातचीत से पहले मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया कि वह कृषि से संबंधित तीनों ‘काले कानूनों’ को निलंबित करने और प्रदर्शनकारी किसानों पर दर्ज मामले वापस लेने की घोषणा करें। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह भी कहा कि सरकार को सभी किसान संगठनों के साथ मन खोलकर बातचीत करना चाहिए और बिना किसी दिखावे और पूर्वाग्रह के मामले का समाधान निकालना चाहिए।

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