मॉस्को। कोरोना वायरस के कहर के बीच पूरी दुनिया में वैक्सीन बनाने की कवायद तेज है। रूस ने बहुत पहले ही कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने का दावा किया है, जिसका तीसरे फेज का ट्रायल जारी है। अब तक जो परिणाम सामने आए हैं, उसके मुताबिक रूस की कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक-5 को सुरक्षित और प्रभावी पाया गया है। करीब 85 फीसदी वॉलंटियर्स में इसका कोई साइडे इफेक्ट देखने को नहीं मिला है।
द मॉस्को टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, जिन वॉलंटियर्स को स्पूतनिक-5 वैक्सीन का डोज दिया गया, उनमें 85 फीसदी वॉलंटियर्स में इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं देखने को मिला। इस बात की जानकारी वैक्सीन के डेवलपर्स ने दी है। रूस ने स्पूतनिक-5 वैक्सीन को मॉस्को के गामालया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडिमियोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी के साथ मिलकर विकसित किया है, जिसका ऐलान फाइनल ट्रायल से पहले ही अगस्त महीने में किया गया। इस फाइलन ट्रायल में 40,000 वॉलंटियर्स शामिल हैं, जिनमें से 10000 को प्लासेबो दिए जाने की उम्मीद है।
मॉस्को स्थित गमालया के प्रमुख अलेक्जेंडर गिंट्सबर्ग ने सरकारी टेलीविजन को बताया कि स्पुतनिक-5 के दुष्प्रभावों में हल्के तापमान वाले बुखार, सिरदर्द और मांसपेशियों में दर्द शामिल है। इस तरह के साइड इफेक्ट्स महज उन 15 फीसदी लोगों में पाया गया है, जिनमें ट्रायल के दौरान वैक्सीन दिया गया है। उन्होंने कहा कि 85 फीसदी लोगों ने कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक-5 में कोई साइड इफेक्ट महसूस नहीं किया है या फिर टीका लगाने के बाद उनमें कोई शिकायत देखने को नहीं मिली है।
Around 85% of Russian volunteers who receive the country’s highly touted coronavirus Sputnik V vaccine report no side effects, according to the developer of the adenovirus-based shot https://t.co/1SKqZ2T4lI
— The Moscow Times (@MoscowTimes) October 26, 2020
सरकार द्वारा संचालित होने वाली न्यूज एजेंसी टास के मुताबिक, सितंबर में जब 40,000 वॉलंटियर्स में से 300 से अधिक को स्पुतनिक -5 का टीका लगाया गया था, तब हर सात में से एक में शख्स में इसके साइड इफेक्ट देखने को मिले थे। स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल ने द्वारा ‘मॉस्को टाइम्स’ को दिए गए बयान के हवाले से समाचार एजेंसी टास ने कहा था कि जिन वॉलंटियर्स को ये कोरोना वैक्सीन दी गई, उनमें से करीब 15 फीसदी में साइड इफेक्ट देखने को मिले हैं। इन साइड इफेक्ट्स में हल्की कमजोरी, 24 घंटे तक मांसपेशियों में दर्द और शरीर के तापमान में वृद्धि आदि शामिल हैं। हालांकि इन लक्षणों को हल्का बताते हुए उन्होंने कहा था कि ये अगले ही दिन गायब हो गए।
गेन्सबर्ग ने अनुमान लगाया है कि करीब 19,000 रूसियों को दो-खुराक वाले स्पुतनिक-5 वैक्सीन का अब तक का पहला शॉट दिया गया है और 6,000 लोगों को पहला और दूसरा दोनों खुराक दिया गया है। बता दें कि अभी स्पुतनिक -5 के तीसरे चरण का क्लिनिकल ट्रायल चल रहा है और भारत में भी इसके ट्रायल और वितरण के लिए डॉ. रेड्डी लेबोरेटरिज से समझौता हुआ है।
दरअसल, रूस ने पहले दो चरणों के मानव परीक्षण पूरे करने के बाद 11 अगस्त को टीके के मानकों पर खरा उतरने और टीकाकरण शुरू करने का ऐलान किया था। हालांकि रूस के पहले दो चरणों के परीक्षणों का डब्ल्यूएचओ या किसी अन्य प्रतिष्ठित संस्था ने निरीक्षण नहीं किया। ऐसे में टीके पर दुनियाभर की वैज्ञानिक संस्थाओं ने संदेह जाहिर किया था। रूस का गामेलया रिसर्च इंस्टीट्यूट 40 हजार वालंटियर पर टीके के तीसरे चरण का परीक्षण भी कर रहा है। हालांकि, जोखिम वाले समूहों को पहले ही टीका दिया जा रहा है।