भाजपा धनाढ्यों के कालेधन के चंदे से नहीं, कार्यकर्ताओं के योगदान से चलनी चाहिए : अमित शाह
नई दिल्ली। भाजपा अध्यक्ष (BJP President) अमित शाह (Amit Shah) ने चुनाव के दौरान पार्टी को मिलने वाले चंदे की प्रक्रिया को साफ सुथरा बनाने की वकालत की है। एक कार्यक्रम के दौरान सोमवार को उन्होंने कहा कि पार्टी बिल्डरों, ठेकेदारों और काला धन रखने वालों के चंदे से नहीं, बल्कि अपने कार्यकर्ताओं के योगदान से चलनी चाहिए ।
शाह ने दीन दयाल उपाध्याय की 51वीं पुण्यतिथि पर आयोजित एक पार्टी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा को ईमानदारी के पथ पर अन्य दलों का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी निभानी चाहिए। देश के हर मतदान केंद्र के दो कार्यकर्ताओं को ‘नमो एप’ के माध्यम से 1000 रुपये का योगदान देना चाहिए।
शाह ने कहा, भाजपा कार्यकर्ताओं को गर्व के साथ कहना चाहिए कि हम अपने धन से इस पार्टी को चलाते हैं और कोई भी उद्योगपति, ठेकेदार या बिल्डर इसे नहीं चला सकता। उन्होंने हालांकि कहा कि पार्टी अध्यक्ष के तौर पर वह यह नहीं कह सकते कि भाजपा अपने कार्यकर्ताओं के योगदान से अपने सभी संगठनात्मक और चुनावी खर्चों को वहन कर सकती है। यह आज संभव नहीं है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि इस बात पर सार्वजनिक चर्चा होनी चाहिए कि चुनाव खर्चों को कैसे कम किया जा सकता है और चुनाव के लिए मिलने वाले चंदे की प्रक्रिया को साफ सुथरा कैसे बनाया जा सकता है। उन्होंने इस बात पर भरोसा जताया कि इस तरह की प्रक्रिया भाजपा के नेतृत्व में आरंभ होगी। शाह ने कहा कि मोदी सरकार ने नकद चंदे को 2000 रुपये तक सीमित कर राजनीति में काले धन के प्रभाव को कम करने के लिए कदम उठाए हैं।
अमित शाह ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कानून इतने कड़े किए गए हैं कि इन्हें तोड़ने वाला पकड़ा जाएगा। उन्होंने कहा कि घोटालों में शामिल लोगों के दिल्ली की सर्दी में भी पसीने छूट रहे हैं। शाह ने दावा किया कि भगोड़े कारोबारी विजय माल्या और नीरव मोदी देश से इसलिए भाग गए क्योंकि मोदी सरकार ने उनके जैसे आरोपियों को सलाखों के पीछे डालना शुरू कर दिया।