अल्पसंख्यक हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध पारसी और ईसाई, उनको संरक्षण देना हमारा दायित्व है : प्रधानमंत्री मोदी

अल्पसंख्यक हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध पारसी और ईसाई, उनको संरक्षण देना हमारा दायित्व है : प्रधानमंत्री मोदी

गुवाहाटी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने असम रैली में शनिवार को संबोधित करते हुए राज्य में नागरिक (संशोधन) बिल पर जारी प्रदर्शन के बीच संसद में लंबित विवादित अध्यादेश की जोरदार वकालत की। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल नागरिकता बिल पर भ्रम फैला रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि नागरिकता संशोधन का विषय सिर्फ असम या नॉर्थ ईस्ट से जुड़ा नहीं है, बल्कि देश के अनेक हिस्सों में मां भारती पर आस्था रखने वाली ऐसी संताने हैं, ऐसे लोग हैं जिनको अपनी जान बचाकर भारत आना पड़ा है। उन्होंने कहा- नागरिकता बिल पर भ्रम पैदा किया जा रहा है। आपको उनके इरादे से सचेत रहने की जरूरत है। वे सभी महामिलावट पार्टियां हैं।

पीएम मोदी ने आगे कहा वोट बैंक की खातिर असम को बर्बाद नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने असम को चौराहे पर लाकर खड़ा कर दिया है उनसे वे लड़ेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि देश की एकता रहनी चाहिए, असम बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि असम के लोगों के साथ उनका एक लगाव है।

पीएम मोदी ने कहा कि असम की वर्तमान सर्वानंद सोनोवाल सरकार को बधाई देता हूं कि मेहनत के साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने गठबंधन सरकार पर हमला करते हुए कहा कि आज पूरा देश देख रहा है कि चौकीदार की चौकसी से भ्रष्टाचारी बौखलाए हुए हैं। और मोदी को रोज नई गाली देते रहते हैं। देश के लिए क्या करना है इस पर वे चुप रहते हैं। बस इस बात की होड़ है कि मोदी को कौन ज्यादा गाली देते हैं। इनकी सिर्फ एक पहचान है महामिलावट।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा-“ चाहे वो पाकिस्तान से आए हों, अफगानिस्तान से आए हों या फिर बांग्लादेश से, ये 1947 से पहले भारत का ही हिस्सा थे, जब आस्था के आधार पर देश का विभाजन हुआ।” उन्होंने कहा कि हमसे अलग हुए देशों में जो अल्पसंख्यक यानि हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध पारसी और ईसाई, वहां रह गए थे उनको संरक्षण देना हमारा दायित्व है।

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