महारानी अस्पताल को पुराने स्वरूप में लाया जाएगा – जैन

महारानी अस्पताल को पुराने स्वरूप में लाया जाएगा – जैन

जगदलपुर। जगदलपुर के महारानी अस्पताल में महारानी प्रफुल्लकुमारी देवी की 109 वीं जयंती मनाई गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित विधायक श्री रेखचन्द जैन ने कहा कि महारानी प्रफुल्ल कुमारी ने उस दौर में बालिका शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में अविस्मरणीय योगदान दिया। यह महारानी अस्पताल स्वास्थ्य के क्षेत्र में उनके योगदान का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि इस अस्पताल में सुविधाओं और व्यवस्थाओं को और बेहतर बनाया जाएगा। श्री जैन ने कहा कि पहले यह अस्पताल 300 बिस्तरों का था, लेकिन मेडिकल कॉलेज शिफ्ट हो जाने के बाद यह 100 बिस्तरों का रह गया है। उन्होंने कहा कि इसे फिर से 300 बिस्तर करने के लिए सामूहिक प्रयास किये जायेंगे। इसके पहले अतिथियों ने महारानी प्रफुल्ल कुमारी की प्रतिमा माल्यापर्ण कर उनका पुण्य स्मरण किया गया । कार्यक्रम का आयोजन स्वास्थ्य कर्मचारी संघ द्वारा किया गया। इस अवसर पर राजपरिवार के सदस्य राजमाता कृष्णा कुमारी एवं गायत्री देवी तथा श्री राजीव शर्मा विषेष रूप से उपस्थित थे।

कमिश्नर श्री धनंजय देवांगन ने कहा कि अस्पताल में संसाधन से ज्यादा वहां के डॉक्टर और स्टाफ द्वारा मरीजों को दी जा रही सेवाएं महत्वपूर्ण होती है। डॉक्टर और स्टॉफ मरीजों से सौहाद्र्रपूर्ण व्यवहार करें। इससे उनकी आधी तकलीफ दूर हो जाएगी। इसलिये मरीजों की सेवा पर ध्यान दें। यह अस्पताल में उपलब्ध अधोसरंचना से ज्यादा महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि महारानी अस्पताल को पुराने स्वरूप में लाने तथा जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए समुचित प्रयास किया जाएंगे। महापौर श्री जतिन जायसवाल ने कहा कि महारानी अस्पताल का अस्तित्व कभी खत्म नही होगा। मरीजों को बेहतर से बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रशासन और जनप्रतिनिधि समन्वित प्रयास करेंगे।

कलेक्टर डॉ अय्याज तम्बोली ने कहा कि महारानी अस्पताल 1935 में बना था। आज यह अस्पताल अच्छे विचारों का वटवृक्ष बन गया है। यहां मेडिकल कॉलेज शुरू होने के बाद डॉक्टर और नर्स के कई बैच निकल चुके हैं। नर्सिंग स्टॉफ बढ़ाने के लिए 25 स्टॉफ नर्स की नियुक्ति के आदेश जारी हो गया है। उन्होंने कहा कि अस्पताल भवन के नवीनीकरण का काम शीघ्र प्रारम्भ किया जाएगा। कार्यक्रम में स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष श्री डी के पराशर ने स्वागत उद्बोधन दिया। अस्पताल के सिविल सर्जन ने आभार व्यक्त किया।

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