भुलाया नहीं जा सकता छत्तीसगढ़ के गायत्री परिजनों का सहयोग

भुलाया नहीं जा सकता छत्तीसगढ़ के गायत्री परिजनों का सहयोग

रायपुर। देश और दुनिया में ऐसा लगाव और आत्मीयता छत्तीसगढ़ के गायत्री परिजनों में ही दिखता है. छत्तीसगढ़ के गायत्री परिजनों के सहयोग को कभी भुलाया नहीं जा सकता. यह बात देव संस्कृति विश्वविद्यालय, हरिद्वार के प्रति कुलपति चिन्मय पंड्या ने समता कालोनी में गायत्री परिवार के सदस्यों को संबोधित करते हुए कही.

विश्व स्तर पर मिलने वाले टेंपलटन पुरस्कार की जूरी मेंबर के सदस्य चिन्मय पंडया का शनिवार को समता कालोनी स्थित गायत्री शक्तिपीठ पहुंचे. इस दौरान गायत्री परिवार के सदस्यों ने उनका जोरदार स्वागत किया. इस अवसर पर चिन्मय पंड्या ने कहा कि भारत को विश्वगुरु बनाना है तो आध्यात्म के क्षेत्र में हमें आगे बढऩा होगा. इस अवसर पर गायत्री शक्तिपीठ के ट्रस्टियों ने चिन्मय पंड्या का स्वागत करते हुए आभार व्यक्त किया. चिन्मय पंड्या छत्तीसगढ़ के चंपारण्य के साथ अन्य दो स्थानों पर हो रहे 108 कुंडीय गायत्री महायज्ञ में शामिल होने पहुंचे हैं.

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