सुराजी गांव योजना का बेहतर क्रियान्वयन हो – कलेक्टर

सुराजी गांव योजना का बेहतर क्रियान्वयन हो – कलेक्टर

मुंगेली। कलेक्टर श्री डी. सिंह ने कलेक्टोरेट स्थित मनियारी सभाकक्ष में अधिकारियों की बैठक लेकर सुराजी गांव योजना के बेहतर क्रियान्वयन हेतु निर्देश दिये। उन्होने कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप छत्तीसगढ़ के चार चिन्हारी नरवा, गरूवा, घुरूवा अऊ बाड़ी के लिये कार्य किया जाना है। उन्होने जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देशित किया कि हर विकासखण्डों में पांच-पांच स्थानों को चिन्हित करें। क्योंकि छत्तीसगढ़ शासन ने ग्रामीण कृषि आधारित अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण हेतु गांवों में उपलब्ध प्राकृतिक संसाधन नरवा (नदी-नाला), गरूवा (पशुधन), घुरूवा (जैविक खाद बायो कम्पोस्ट) एवं बाड़ी के समन्वित विकास से कृषि उत्पादन एवं किसानों की आमदनी बढ़ाने का कार्यक्रम प्रारंभ किया गया है।

कलेक्टर ने कृषि विभाग के उपसंचालक, जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, उद्यान विभाग के सहायक संचालक को आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि गौठान हेतु ऊंची भूमि जहां दो-चार बड़े वृक्ष हो का चयन किया जावे। इस हेतु भूमि का आरक्षण कर फेसिंग एवं सीपीटी कार्य कराये जायेंगे। गौठान में पशुओं के बैठने के लिए पक्का प्लेट फार्म, बछड़ों, बीमार पशुओं एवं चारा के लिए शेड, पानी के लिए पानी टंकी एवं उपयुक्त संरचनायें बनाई जाएगी। गौठानों में कृत्रिम गर्भाधान से पशुओं की नस्ल सुधार में बढ़ावा मिलेगा। कलेक्टर ने लोक सेवा गारंटी के लंबित आवेदनों की समीक्षा की। उन्होने चिप्स के नोडल अधिकारी, जिला पंजीयक, खनिज अधिकारी, जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक, सिविल सर्जन सह अस्पताल अधीक्षक एवं उपसंचालक कृषि को लंबित आवेदनों को समय सीमा के भीतर निराकरण करने हेतु निर्देश दिये।

कलेक्टर ने दिये वन अधिकार पत्र के प्रकरणों के निराकरण हेतु निर्देश- कलेक्टर श्री डी. सिंह ने वन अधिकार पत्र वितरण की समीक्षा की तथा लोरमी एसडीएम, वन विभाग, आदिवासी विकास विभाग एवं जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों को निर्देशित किया कि अस्वीकृत प्रकरणों की पुन: समीक्षा करें एवं शासन के नवीनतम निर्देशों का पालन करते हुए अनुसूचित जनजाति एवं अन्य परंपरागत निवासियों के प्रकरण स्वीकृत करें। उन्होने कहा कि ग्रामवार ग्रामसभा में गहनता से आवेदनों की समीक्षा की जाये ताकि कोई भी पात्र वनवासी अपने हक से वंचित न रहें। इसी तरह सामुदायिक निस्तार एवं वनोपत्र संग्रहण के स्थानों में सामुदायिक वन अधिकार पत्र स्वीकृत किये जाये। उन्होने सहायक आयुक्त आदिवासी विकास को निर्देशित किया कि निरंतर ग्रामसभाओं की बैठक की समीक्षा करते हुए आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित करें।

बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री लोकेश चंद्राकर, डिप्टी कलेक्टर श्री आरआर चुरेंद्र, जनपद पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

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