नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए ‘‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’’ ट्रस्ट की आज घोषणा कर दी। इसको लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। शुरुआती दिनों से रामलला पक्ष की वकालत करने वाले वरिष्ठ वकील के परासरन इस ट्रस्ट के अध्यक्ष होंगे।
सदस्यों में शंकराचार्य वासुदेवानंद महाराज, हरिद्वार के परमानंद महाराज जी, पुणे के स्वामी गोविंदगिरी जी, विमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्रा, अयोध्या से होम्योपैथिक डॉक्टर डॉ. अनिल मिश्रा, बिहार से डॉ. कमलेश्वर चौपाल, निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्र दास का नाम शामिल है। इनके अलावा अयोध्या डीएम ट्रस्ट के संयोजक सदस्य होंगे। साथ ही ट्रस्ट में 6 नामित सदस्य भी होंगे। इनको बोर्ड ऑफ ट्रस्ट नामित करेगा।
सर्वोच्च न्यायालय में राम लला के अधिवक्ता #श्री_परासरन जी को#श्री_रामजन्मभूमि_तीर्थ_क्षेत्र_प्रन्यास का मुख्य ट्रस्टी बना कर जन्मभूमि के कब्जे का हस्तांतरण किया गया।।
रामभक्त और रामलला के सहयोगी अधिवक्ता को मिली यह जिम्मेदारी उनके समर्पण और आस्था का सबसे बड़ा सम्मान है।। pic.twitter.com/BjX8FzG10Y— एड.सूर्य कान्त त्रिपाठी (@AdSurykant) February 5, 2020
अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आज संसद में PM मोदी ने अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण करने वाले ट्रस्ट का ऐलान कर दिया। केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद लोकसभा में PM मोदी ने बताया कि राम मंदिर का निर्माण करने वाले ट्रस्ट का नाम ‘‘श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र’’ होगा। यह पूरी तरह से मंदिर निर्माण कार्य के लिए स्वतंत्र होगा।
संसद सत्र के पांचवें दिन बुधवार को PM मोदी ने कहा,’आज मैं बहुत ही अहम मुद्दे पर एक जानकारी देने के लिए उपस्थित हुआ हूं। यह विषय करोड़ों देशवासियों की तरह मेरे हृदय के लिए भी करीब है। यह विषय श्रीराम जन्मभूमि से जुड़ा हुआ है। यह विषय अयोध्या में श्रीराम जन्मस्थली पर भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण से जुड़ा हुआ है।’