न्यूज़ डेस्क। प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी के नेतृत्व में भारत लगातार सफलता की सिढ़ियां चढ़ता जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘लोक फॉर ग्लोबल’ का जो मंत्र दिया है, उसका आचरण करते हुए हमारे देश के वैज्ञानिक और विशेषज्ञ अथक परिश्रम कर रहे है। इसका नतीजा है कि भारत आज याचक से दाता बन गया है। इतिहास पर नजर डालें तो आजादी के बाद एक समय वह भी था जब भारत को पेनिसिलीन की दवा के लिए कनाडा से मदद मांगनी पड़ी थी। आज वही भारत कोरोना संकट में कनाडा सहित दुनिया के कई देशों में वैक्सीन भेज कर मदद कर रहा है।
1947 में भारत मामूली दवाओं को छोड़कर किसी भी गंभीर बीमारी की दवा और इलाज के लिए विकसित देशों पर ही निर्भर था। देश की पहली स्वास्थ्य मंत्री राजकुमार अमृत कौर ने पेनिसिलीन की दवा के लिए कनाडा से मदद मांगी थी। 17 अक्टूबर, 1947 को कनाडा के एक विशेष विमान से 93 पेटी पेनिसिलिन की दवा नई दिल्ली पहुंचीं। कनाडाई रेड क्रॉस ने पालम हवाईअड्डे पर तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री अमृत कौर को पेनिसिलिन की दवाइयां उपहार में भेंट कीं।
1947 में भारत की स्वास्थ्य मंत्री राजकुमारी अमृत कौर #पेनिसिलिन की खेप लेने कनाडा गयी थी और 2021 में कनाडा भारत से वैक्सीन की खेप मांग रहा है। यही तो है असली उन्नति का सफ़र। आत्मनिर्भर भारत की गवाही। #AatmanirbharBharat @narendramodi @drharshvardhan pic.twitter.com/ak6E3VIsRj
— Vedant Birla (@birla_vedant) February 11, 2021
सोशल मीडिया में जो तस्वीर वायरल हो रही है, उसमें तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री राजकुमार अमृत कौर के साथ स्वास्थ्य सेवा के महानिदेशक जीवराज नारायण मेहता बाईं ओर दिखाई देते हैं और दाईं ओर खड़े भारतीय रेड क्रॉस के सरदार बलवंत सिंह पुरी हैं। हेल्थ मिनिस्टर रहते हुए राजकुमारी अमृत कौर ने 1955 में मलेरिया के खिलाफ बड़ा अभियान चलाया था। न्यूयॉर्क टाइम्स ने लिखा था कि इस अभियान से 4 लाख लोगों की जानें बचाई गईं, जो अभियान न होने पर मलेरिया से मर सकते थे।
2021 में हालात पूरी तरह से बदल गए है। आज वही कनाडा कोरोना वैक्सीन के लिए भारत से मदद मांग रहा है। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को फोन किया और अपने देश के कोरोना टीकाकरण अभियान में मदद के लिए अनुरोध किया। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें निराश नहीं किया। प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी एक बयान के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी ने जस्टिन ट्रूडो को आश्वस्त करते हुए कहा, ‘‘भारत ने जैसे कई अन्य राष्ट्रों के लिए किया, ठीक उसी तरह कनाडा के टीकाकरण प्रयासों को सहयोग देने में अपना सर्वश्रेष्ठ करेगा।”
ट्रूडो ने इस अवसर पर कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में भारत की अभूतपूर्व औषधीय क्षमता का महत्वपूर्ण योगदान होगा। भारत की इस क्षमता को विश्व के साथ साझा करने के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की सराहना की। ट्रूडो की इस भावना के लिए प्रधानमं मोदी ने उनका धन्यवाद किया। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर कहा कि कनाडा द्वारा कोविड-19 टीकों की मांग के अनुरूप आपूर्ति करने की भारत भरपूर कोशिश करेगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘मैं दोस्त जस्टिन ट्रूडो का फोन आने से बहुत खुश हूं। मैंने उन्हें आश्वासन दिया है कि कनाडा द्वारा कोविड-19 टीकों की भारत से मांगी गई मदद जल्द से जल्द पूरी की जाएगी। इसके साथ ही हमने जलवायु परिवर्तन और वैश्विक आर्थिक रिकवरी जैसे अन्य महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात की।’
Was happy to receive a call from my friend @JustinTrudeau. Assured him that India would do its best to facilitate supplies of COVID vaccines sought by Canada. We also agreed to continue collaborating on other important issues like Climate Change and the global economic recovery.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 10, 2021
गौरतलब है कि कनाडा की मंत्री अनीता आनंद को इस सप्ताह उस समय शर्मनाक क्षणों का सामना करना पड़ा था, जब एक नेता ने उनसे पूछ लिया था कि क्या उनकी सरकार ने कोरोना के टीके के लिए नई दिल्ली से बात की है? इस सवाल का वे जवाब नहीं दे सकी थीं। वायरल हुए वीडियो में, उन्होंने सांसद को जवाब दिया था कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फोन नहीं किया है, लेकिन उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि क्या सरकार से किसी अन्य मंत्री ने भारत सरकार से इसके लिए बात की है या नहीं।