Mughal Emperor : मुगल..; कौन थे….मुगल, इससे पहले किस देश में रहते थे..? पहली बार कब भारत आए…, और अब कहाँ है.., उनके ..

इतिहास डेस्क(Bns)। मुगल भारत में 15वीं शताब्दी में आए थे। मुगल साम्राज्य (Mughal Empire) के तहत मुसलमानों ने भारत पर करीब 300 साल राज किया। मुगल शासन 1526 से शुरू होकर करीब 1857 में खत्म हो जाता है। भारत में मुगल वंश का संस्थापक बाबर था (Babar) था। जिसने साल 1526 में दिल्ली के सिंहासन पर काबिज इब्राहिम लोदी को हरा कर भारत में मुगल साम्राज्य की नींव रखी थी। ऐसे में सवाल उठता है कि मुगल भारत में कहां से आए थे। मुगलों ने भारत में इस्लाम का प्रचार प्रसार किया। इस तरह भारत में मुगलों की पहली आमद 1526 में मानी जा सकती है। इसी कड़ी में ये सवाल आता है कि मुगल भारत में आने से पहले कहां रहते (where did mughal lives) थे?

इतिहासकारों के मुताबिक बाबर जब 12 साल का था, तब वो तुर्किस्तान में फरगना राज्य का शासक बना, जिसके बाद वह अपदस्थ होकर अफगानिस्तान चला गया और फिर भारत आया। इतिहासकारों के मुताबिक, मध्य काल में जो लोग तजाकिस्तान और उजबेकिस्तान से आकर बसे, वो मुगल कहलाने लगे।

कभी भारत पर राज करने वाले मुगल खानदान के वारिस आज मुफलिसी में जी रहे हैं। इस मामले में अंग्रेज राजा और अन्य देशों की राजशाही वाले भाग्यशाली रहे। ब्रिटिश राजघराने ने करीब आधी दुनिया पर सैकड़ों साल राज किया। इंग्लैंड में ब्रिटिश राजपरिवार (महारानी विक्टोरिया और प्रिंस चार्ल्स) वाला राजपरिवार शानोशौकत के साथ महलों में रहता है, चार्टर से चलता है।

दुनिया के तमाम राजघराने इस लोकतांत्रिक दुनिया में भी अपने अपने देश की कमान संभालने के साथ शाही जिंदगी जी रहे हैं, लेकिन मुगलों के वारिस की हालत खराब रही। इस मामले में मुगल दुर्भाग्यशाली रहे, मुगलों ने हिंदुओं पर जिस तरह अत्याचार करके उनकी बद्दुआ और हाय ली शायद उसकी की वजह से आज मुगलों के वारिस बहुत बुरी स्थिति में हैं।

कौन थे मुगल ? उत्थान और पतन

बाबर पिता की ओर से तैमूर और माता की ओर से चंगेज खान का वंशज था। बाबर जब 12 साल का था, तब वो तुर्किस्तान में फरगना राज्य का शासक बना, जिसके बाद वह अपदस्थ होकर अफगानिस्तान चला गया और फिर भारत आया. इतिहासकारों के मुताबिक, मध्य काल में जो लोग तजाकिस्तान और उजबेकिस्तान से आकर बसे, वो मुगल कहलाने लगे. इनमें सबसे खूंखार बाबर था, जिसकी बहन ने भाई बाबर की लाइफ सेट करने के लिए दूसरे बादशाह से निकाह करके उसके हरम में रहना कुबूल कर लिया था।

बाबर का जन्म 24 फरवरी, 1483 ई. को फरगना में हुआ था। बाबर अपने पिता की ओर से तैमूर का पांचवा एवं माता की ओर से चंगेज खान का चौदहवां वंशज था। बाबर के वालिद उमरशेख मिर्जा फरगाना नाम के छोटे से राज्य के शासक थे। बाबर फरगाना की गद्दी पर 8 जून 1494 ई में बैठा. बाबर ने 1507 ई में बादशाह की उपाधि धारण की, जिसे अब तक किसी तैमूर शासक ने धारण नहीं की थी। बाबर की मातृभाषा ‘चगताई’ थी, लेकिन फारसी में बाबर को महारत थी। बाबरनामा के नाम से उसने जीवनी लिखी थी.1526 ई. में पानीपत के प्रथम युद्ध में दिल्ली सल्तनत के अंतिम वंश (लोदी वंश) के सुल्तान इब्राहीम लोदी की पराजय के साथ ही भारत में मुगल वंश की स्थापना हो गई।

बाबर की बहन, भाई को बचाने के लिए बनी दुश्मन की बेगम

भारत पर कब्जे के बाद बाबर को अफगानी सुल्तान शायबानी से करारी शिकस्त मिली थी। शायबानी ने 6 महीने तक दिल्ली को घेरे रखा था। हालत ये हो गई कि सैनिकों के भूखे मरने की नौबत आ गई थी। ऐसे समय में अपने भाई बाबर की सल्तनत बचाने के लिए खानजादा आगे आई। खानजादा ने शायबानी (Shaybani Khan) को पैगाम भेजा कि अगर वह दिल्ली का घेराव खत्म कर वापस जाने को राजी हो जाएगा तो वह उससे निकाह कर लेगी। शायबानी उसकी खूबसूरती का पहले से ही दीवाना था। उसने तुरंत इस प्रस्ताव को मंजूर कर लिया।

बाबर की बहन की बदनसीबी
बाबर के पूरे कुनबे ने खानजादा (Khanzada) को यह कदम उठाने से रोका लेकिन वह नहीं मानी। आखिरकार उसने भाई बाबर के कट्टर दुश्मन शायबानी से निकाह कर लिया। इस शादी के बाद उसकी जिंदगी नरक जैसी हो गई। शायबानी (Shaybani Khan) के हरम का हिस्सा बनने वाली खानजादा ने खुर्रम नाम के बच्चे को जन्म दिया लेकिन कुछ दिन बाद ही वह मर गया। इसके बाद शायबानी और खानजादा के रिश्तों में कड़वाहट आती चली गई. शायबानी (Shaybani Khan) ने बाबर की बहन खानजादा को अपने हरम से निकाल दिया और जबरन उसका निकाह अपने एक फौजी सैयद से करवा दिया। इस दूसरे निकाह के बाद भी खानजादा के दुख तब भी कम नहीं हुए।

दूसरा शौहर भी मारा गया
शाह इस्माइल के साथ हुए शायबानी (Shaybani Khan) का युद्ध हुआ, जिसमें सैयद मारा गया। इसके बाद इस्माइल ने उसकी बीवी खानजादा को रखैल बना लिया। इस्माइल को पता चला कि वह बाबर की बहन है तो उसने खानजादा को उसके पास पहुंचा दिया। करीब 10 साल बाद खानजादा की परिवार में वापसी हुई।

अधिकतर मुगल शासक तुर्क और सुन्नी मुसलमान थे. मुगल शासन 17 वीं शताब्दी के आखिर में और 18वीं सदी की शुरुआत तक चला और 19वीं सदी के मध्य में खत्म हो गया।

मुगल बन गए कम्युनिटी

उस दौर में मुगलों से प्रभावित होकर जो उनसे रिश्ता जोड़ने लगे, वो भी मुगल कहलाने लगे। इससे पहले मुगल कोई जाति नहीं थी, जो बाद में समय के साथ एक कम्युनिटी बन गई. बाबर ने भारत की पवित्र भूमि में परचम लहराने के मकसद से उत्तर भारत के तमाम हिस्सों पर हमला किया। बाबर ने पहली जीत का झंडा आज के हरियाणा के पानीपत में गाड़ा। बाबर ने इब्राहिम लोदी को 1526 में पानीपत के पहले युद्ध में हराया। आगे चलकर मुगल सल्तनत में कुल 19 बादशाहों ने शासन किया।

बाबर ने 1526 से 1530 तक आगे उसके बेटे हुमायूं ने 1530 से लेकर 1540 और 1555 से लेकर 1556 तक राज किया. आगे अकबर ने 1556 से 1605 तक राज किया। अकबर कम कट्टर था। बादशाहों की लिस्ट में आगे जहांगीर ने 1605 से 1627, शाहजहां ने 1627 से 1658 तक राज किया। इसके बाद नंबर आया सबसे कट्टर औरंगजेब का।

औरंगजेब ने 1658 से 1707 तक राज किया.बहादुर शाह जफर ने भारत में 1837 से 1857 तक शासन किया. बहादुर शाह जफर मुगल सल्तनत का आखिरी बादशाह था। यहीं से मुगल साम्राज्य का अवसान अंतिम पड़ाव में पहुंचा। बाद में मुगलों के चश्म-ओ-चराग के गरीबी में जीने और रिक्शा चलाने तक की खबरें आईं।

हालांकि ऐसा नहीं है कि इससे पहले भारत में इस्लाम धर्म नहीं था। गिने चुने ही रहें होंगे। इतिहासकारों और विदेशी यात्रियों के हवाले से कहा जाता है कि भारत में मुगल राज आने से पहले लगभग 500 साल पहले ही यहां इस्लाम ने दस्तक दे दी थी।

स्रोत : History / Zee news

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