नई दिल्ली। भारत ने आज DRDO द्वारा विकसित ‘नाग’ एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का अंतिम परीक्षण एक वारहेड के साथ सफलतापूर्वक पूरा किया। आज सुबह 6 बज कर 45 मिनट पर मिसाइल का फाइनल ट्रायल पूरा किया गया। ये ट्रायल राजस्थान के पोखरन फील्ड के फायरिंग रेंज से पूरा किया गया। ये परीक्षण ऐसे समय में किया गया है जब भारत और चीन के LAC पर विवाद चल रहे हैं। इस ट्रायल के बाद अब मिसाइल भारतीय सेना में शामिल होने के लिए तैयार है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन के अधिकारियों ने बताया कि भारत ने आज डीआरडीओ द्वारा विकसित नाग एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल का अंतिम परीक्षण सफलतापूर्वक किया।
एक नाग मिसाइल कैरियर (NAMICA) से दागी गई नाग मिसाइल प्रणाली हमारे लक्ष्यों को 4 से 7 किलोमीटर की सीमा तक ले जा सकती है और इसे अपने लक्ष्य के लिए घर पर एक उन्नत साधक के साथ फिट किया जाता है। नाग मिसाइल एक तीसरी पीढ़ी की एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल है, जिसमें शीर्ष हमले की क्षमता है जो दिन और रात के दौरान सभी ज्ञात दुश्मन टैंकों को प्रभावी ढंग से संलग्न और नष्ट कर सकती है। सेना को 2.5 किमी से अधिक की स्ट्राइक रेंज के साथ तीसरी पीढ़ी के एटीजीएम की जरूरत है। उन्हें अपने मैकेनिककृत पैदल सेना इकाइयों को अपने रूसी बीएमपी वाहनों पर ले जाने के लिए सुसज्जित करने की आवश्यकता है।
सेना वर्तमान में दूसरी पीढ़ी के मिलान 2T और कोंकुर एटीजीएम का उपयोग कर रही है और तीसरी पीढ़ी की मिसाइलों की तलाश में है, जो दुश्मन के टैंकों को रोकने के लिए महत्वपूर्ण हैं। रक्षा मंत्रालय ने 2018 में भारतीय सेना के लिए 300 नाग मिसाइलों और 25 NAMICA का अधिग्रहण किया था।
गौतलब है कि पिछले दो महीनों में भारत ने लगभग 13 मिसाइलों का परीक्षण पूरा कर लिया है और आने वालों महीनों में कुछ अन्य मिसाइलों के लॉन्च की खबर भी सामने आई हैं। बताया गया है कि भारत जल्द ही ऐसे मिसाइल का परीक्षण करने वाला है जो 10 किमी से अधिक की स्टैंड-ऑफ दूरी से दुश्मन के टैंक को मार गिराने में सक्षम होगा। ये परीक्षण राजस्थान के पोखरण फील्ड के फायरिंग रेंज में किया गया। इस मामले की जानकारी रखने वाले वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया है कि इस मिसाइल का परीक्षण आने वाले दो महीनों में किया जाएगा।