मुंबई। मुंबई की एक अदालत ने बुधवार (17 नवंबर 2021) को जबरन वसूली के एक मामले में पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को भगोड़ा घोषित कर दिया। सरकारी वकील शेखर जगताप ने बताया कि अदालत ने परमबीर सिंह को भगोड़ा अपराधी घोषित करने के मुंबई पुलिस के आवेदन को स्वीकार कर लिया है। मामलों की जाँच कर रही मुंबई पुलिस की अपराध शाखा ने इसकी माँग की थी। रिपोर्ट्स में यह भी बताया जा रहा है कि परमबीर सिंह लगातार समन जारी होने के बाद भी सामने नहीं आ रहे थे, इसलिए उन्हें भगोड़ा घोषित किया गया है।
बार एंड बेंच के अनुसार, परमबीर सिंह और दो अन्य आरोपितों विनय सिंह उर्फ बबलू और निलंबित सिपाही रियाज भाटी के खिलाफ होटल कारोबारी बिमल अग्रवाल की शिकायत के आधार पर दर्ज एक मामले में आवेदन दायर किया गया था। इसके साथ ही मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाजे को बर्खास्त कर दिया गया था। अग्रवाल ने आरोप लगाया था कि सिंह और वाजे ने उनसे 11 लाख रुपए की नकदी और कीमती सामान वसूला था।
शिकायत के आधार पर, भारतीय दंड संहिता की धारा 384, 385 388, 389 (जबरन वसूली), 120 बी (आपराधिक साजिश) और 34 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। आवेदन में कहा गया है कि कई गैर-जमानती वारंट जारी करने के बावजूद तीनों आरोपित सामने नहीं आए। मुंबई पुलिस ने अपने आवेदन में धारा-82 के तहत तीन आरोपितों को फरार घोषित करने की माँग की थी।
मुंबई पुलिस की ओर से पेश सरकारी वकील शेखर जगताप ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एसबी भाजीपले को तीनों आरोपितों के खिलाफ ठाणे की एक अदालत द्वारा जारी गैर-जमानती वारंट दिखाया। जगताप ने कहा, ”अगर परमबीर सिंह 30 दिनों के भीतर कानून के सामने नहीं आते हैं, तो मुंबई पुलिस उनकी संपत्तियों को कुर्क करने की प्रक्रिया शुरू करेगी।” उन्होंने बताया कि क्राइम ब्रांच मामले में दो अन्य आरोपितों विजय सिंह और रियाज भट के खिलाफ भी ऐसा ही आदेश दिए जाने की माँग कर रही है।
परमबीर सिंह के देश से भागने और रूस में छिपे होने की की खबरों को लेकर महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वालसे पाटिल ने सितंबर 2021 को कहा था कि सरकार परमबीर सिंह का पता लगाने की कोशिश कर रही है। बता दें कि परमबीर सिंह एंटीलिया बम कांड, मनसुख हिरेन हत्याकांड और मुंबई पुलिस द्वारा जबरन वसूली समेत कई मामलों में घिरे हैं। एनआईए ने उन्हें एंटीलिया और मनसुख हिरेन मामले में जाँच के लिए कई नोटिस भेज चुकी है।