न्यूज़ डेस्क। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने यास तूफान की समीक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मीटिंग में शामिल नहीं होने को लेकर कहा है कि सीएम ममता बनर्जी ने उनसे बातचीत में पहले ही इस बैठक में न शामिल होने के संकेत दे दिए थे।
राज्यपाल धनखड़ ने सोमवार (31 मई 2021) को ट्वीट कर कहा था, “झूठी कहानियों से विवश होकर अब सीधा रिकॉर्ड रख रहा हूँ। ममता बनर्जी ने 27 मई 2021 की रात 11:15 बजे मुझे मैसेज किया था। उन्होंने कहा था कि क्या मैं आपसे अभी बात कर सकती हूँ? बहुत जरूरी है। इसके बाद फोन पर उन्होंने संकेत दिया कि वह और उनके अधिकारी पीएम नरेंद्र मोदी की मीटिंग का बायकॉट कर सकते हैं, यदि इसमें नेता विपक्ष शुभेंदु अधिकारी इसमें शामिल होते हैं। इस तरह जनता की सेवा पर अहंकार हावी हो गया।”
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एक अन्य ट्वीट में गवर्नर धनखड़ ने लिखा कि ममता के संवैधानिक दायित्वों के आगे उनका अहंकार खड़ा हो गया है।
https://twitter.com/jdhankhar1/status/1399444884382093312?s=20
28 मई को Yaas तूफान की समीक्षा के लिए ओडिशा और बंगाल दौरे पर पहुँचे पीएम मोदी की कलाईकुंडा में हुई समीक्षा बैठक में सीएम ममता बनर्जी और राज्य के मुख्य सचिव अलापन बंद्योपाध्याय 30 मिनट की देरी से पहुँचे थे। इस बैठक में ममता बनर्जी पीएम नरेंद्र मोदी को चक्रवात से हुए नुकसान की ब्यौरा रिपोर्ट देकर निकल गई थीं। उनके इस रवैये की तीखी आलोचना हुई थी और बीजेपी ने इसे संघीय व्यवस्था के खिलाफ बताया था।
गौरतलब है कि इससे पहले सोमवार (31 मई 2021) को ममता बनर्जी ने राज्य के मुख्य सचिव रहे अलपन बंद्योपाध्याय के ट्रांसफर का विरोध करते हुए पीएम मोदी को लिखे खत में भी शुभेंदु को यास तूफान समीक्षा बैठक में बुलाए जाने को लेकर ऐतराज जाहिर किया था।
इससे पहले प्रधानमंत्री को लिखे 5 पन्नों के पत्र में ममता बनर्जी ने सुवेंदु अधिकारी को शामिल करने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए पीएम पर बैठक के स्ट्रक्चर को बदलने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि वो प्रधानमंत्री से शांति से बात करना चाहती थीं। सीएम ने कहा, “मेरा विचार है (राज्य के मामलों के बारे में मेरे 40 वर्षों की जानकारी के आधार पर) कि सुवेंदु अधिकारी के पास पीएम-सीएम की मीटिंग में बैठने के लिए कोई जगह नहीं थी।”