लखनऊ । दिवाली के त्यौहार में कुछ ही दिनों का समय बचा है, लेकिन उत्तर प्रदेश राज्य में अभी भी पटाखों की बिक्री को लेकर अनिश्चितता का माहौल है। दिल्ली सरकार के पटाखों पर प्रतिबंध लगाए जाने के फैसले का कुछ हिंदू नेताओं द्वारा विरोध किए जाने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने पटाखों की बिक्री को लेकर अभी तक कोई ज्ञापन जारी नहीं किया है। पटाखों के थोक विक्रेता और खुदरा विक्रेताओं का कहना है कि उन्हें नहीं पता कि इस साल उन्हें पटाखे बेचने की इजाजत है भी या नहीं।
लखनऊ के याहियागंज में पटाखों की बिक्री करने वाले जहीर कहते हैं, “मैंने अपने पास पटाखों का स्टॉक रखा हुआ है, लेकिन इलाके की पुलिस मुझे दुकान लगाने नहीं दे रही है। दिवाली को अब कुछ ही दिन बचे हैं और फिर शादियों का मौसम भी आने वाला है, लेकिन हमें अभी भी नहीं पता कि क्या करना है।” जाहिर के परिवारवाले पटाखों की थोक बिक्री करते हैं। उन्होंने कहा कि खुदरा विक्रेता उनसे संपर्क कर रहे हैं, लेकिन वह कुछ स्पष्ट जवाब दे पाने की स्थिति में ही नहीं है।
प्रयागराज में विक्रेता ‘ग्रीन क्रैकर्स या पटाखे’ बेच रहे हैं, जिन्हें पर्यावरण के लिए अनुकूल माना जाता है। वाराणसी में भी हालात कुछ ऐसे ही हैं, हालांकि कानपुर में इस मुद्दे पर किसी स्पष्ट नीति के अभाव में नियमित पटाखों की बिक्री जारी है।
इधर, दिल्ली, ओडिशा, राजस्थान, पश्चिम बंगाल और हरियाणा सरकार ने पहले ही पटाखों की बिक्री और इनके इस्तेमाल पर पहले ही प्रतिबंध लगाने की घोषणा कर चुकी है। कर्नाटक सरकार भी प्रतिबंध पर जल्द ही एक औपचारिक अधिसूचना जारी करेगी।