नई दिल्ली। बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने और आम आदमी को रहत पहुंचने, उनके किचन के बजट को बिगड़ने से रोकने मोदी सरकार यह बड़ा काम करने जा रही है। मोदी सरकार आलू की घरेलू आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों को काबू में लाने के लिए भूटान से 30,000 टन आलू का आयात करने जा रही है। उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने यह जानकारी देते हुए आज कहा कि 7,000 टन प्याज का आयात किया जा चुका है, दिवाली से पहले इसकी 25,000 टन खेप और आने की संभावना है।
गोयल ने डिजिटल तरीके से आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा, ”प्याज का खुदरा मूल्य पिछले तीन दिनों से 65 रुपये किलो पर स्थिर है। सरकार ने बढ़ती कीमतों पर लागू लगाने के लिये कई कदम उठाये हैं। समय पर निर्यात पर पाबंदी लगायी और आयात के लिये पहल की गयी। उन्होंने कहा कि सरकार ने दिसंबर तक प्याज के आयात पर धूम्र-शोधन (फ्यूमिगेशन) की शर्तों में ढील दी है। अबक 7,000 टन प्याज निजी व्यापारियों ने आयात किये हैं।
मंत्री गोयल ने कहा, ”इसके अलावा 25,000 टन प्याज दिवाली से पहले आने की उम्मीद है। आयात के अलावा मंडियों में अगले महीने नई खरीफ फसल की आवक शुरू होने से आपूर्ति स्थिति सुधरेगी और कीमतों पर दबाव कम होगा। गोयल ने कहा कि सरकार ने प्याज के आयात को लेकर ‘फ्यूमिगेशन नियमों में ढील दी है। साथ ही प्याज के बीजों के निर्यात को प्रतिबंधित किया गया है। इसके अलावा जमाखोरी रोकने के लिये व्यापारियों पर भंडार सीमा लगाये गये हैं। सरकार की तरफ से बफर स्टॉक रखने वाला नाफेड खुले बाजार में बिक्री कर रहा है।
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अबतक नाफेड ने 36,488 टन प्याज की बिक्री की है। आलू के मामले में गोयल ने कहा कि सब्जी की कीमत बढ़ रही है और अखिल भारतीय औसत खुदरा मूल्य 42 रुपये किलो पर पिछले तीनों दिनों से स्थिर बना हुआ है। उन्होंने कहा कि हालांकि सरकार ने आलू के आयात के लिये कदम उठाये हैं। करीब 30,000 टन आलू भूटान से अगले दो-तीन दिनों में आ जाएगा। मंत्री ने कहा, ”हम करीब 10 लाख टन आलू का आयात कर रहे हैं और कीमतों को काबू में रखने के प्रबंध किए जा रहे हैं।
ज्ञात हो कि सरकार ने प्याज बीजों के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से लगा दी है। घरेलू बाजार में प्याज की कीमतों में उछाल के मद्देनजर सरकार ने यह कदम उठाया है। अभी इसके निर्यात पर नियंत्रण लगे हुए थे और बिना लासेंसे लिए इसका निर्यात नहीं किया जा सकता था। विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि प्याज बीज के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जा रही है। भारी बारिश की वजह से प्याज की खरीफ की खड़ी फसल को काफी नुकसान हुआ है। इससे पिछले कुछ सप्ताह के दौरान प्याज का भाव 70 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया है।
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— Piyush Goyal (मोदी का परिवार) (@PiyushGoyal) October 30, 2020
केंद्र सरकार ने बृहस्पतिवार को कहा कि प्याज व्यापारियों को छंटाई और पैकिंग के लिए तीन दिन का समय दिया जायेगा उसके बाद ही भंडारण की सीमा लागू होगी। सरकार ने कहा कि मंडियों से प्याज की खरीद के दिन से व्यापारियों को उसकी ग्रेडिंग और पैकिंग के लिए तीन दिन का समय मिलेगा। भंडारण की सीमा इसके बाद लागू होगी। प्याज की कीमतों में उछाल के बाद सरकार ने 23 अक्टूबर से खुदरा और थोक व्यापारियों के लिए प्याज भंडारण की सीमा लागू कर दी है। यह सीमा दिसंबर अंत तक लागू रहेगी। खुदरा व्यापारियों के लिए भंडारण की सीमा दो टन है जबकि थोक व्यापारी 25 टन तक प्याज रख सकते हैं।
व्यापारियों को भंडारण सीमा की वजह से बाजार में प्याज निकालने में दिक्कतें आ रही हैं। इसके चलते उन्हें तीन दिन का समय देने का फैसला किया गया है। कीमतों पर अंकुश तथा घरेलू आपूर्ति बढ़ाने तथा संभावित जमाखोरी रोकने के मकसद से प्याज भंडारण की सीमा लगाई गई है। उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने ट्वीट किया, ”थोक और खुदरा व्यापारियों की जरूरत को देखते हुए मंडियों में प्याज की खरीद की तारीख से ग्रेडिंग और पैकिंग के लिए तीन दिन का समय देने का फैसला किया गया है। इसके बाद भंडारण की सीमा लागू होगी।