नई दिल्ली। आज देशभर में मकर संक्रांति का पर्व मनाया जा रहा है। इस पर्व को बीहू, पोंगल, उत्तारयणी और खिचड़ी सज्ञान के नाम से भी मनाया जाता है। सूर्य के उत्तरायण होने के उपलक्ष्य में मनाया जाने वाला यह त्योहार सूर्य के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर भी है। इस अवसर को खास बनाने के लिए आयुष मंत्रालय ने आज के दिन 75 लाख लोगों के लिए सूर्य नमस्कार प्रदर्शन कार्यक्रम आयोजित किया। इस मेगा सूर्य नमस्कार कार्यक्रम को ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के तहत किया जा रहा है। आयुष मंत्रालय ने 75 लाख लोगों के सूर्य नमस्कार का आयोजन किया, लेकिन ऑल इंडिया रेडियो के अनुसार इसमें 1 करोड़ से ज्यादा लोगों ने शामिल होकर सूर्य नमस्कार किया।
इससे पहले मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि वैज्ञानिक दृष्टि से, सूर्य नमस्कार को प्रतिरक्षा विकसित करने और जीवन शक्ति में सुधार करने के लिए जाना जाता है, जो महामारी की आज की इस स्थिति में लोगों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। सूर्य के संपर्क में आने से मानव शरीर को विटामिन डी मिलता है, जिसे दुनियाभर की सभी चिकित्सा शाखाओं में व्यापक रूप से मान्यता मिली है।
Surya Namaskar for health and wellbeing. #SuryaNamaskarForVitality https://t.co/ATZsLb3t0O
— Sarbananda Sonowal (Modi Ka Parivar) (@sarbanandsonwal) January 14, 2022
बयान के अनुसार, सूर्य नमस्कार के सामूहिक प्रदर्शन का उद्देश्य इसके जरिए जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग का संदेश भी देना है। आज की दुनिया में जहां जलवायु जागरुकता जरूरी है वहीं, दैनिक जीवन में सौर ई-ऊर्जा (हरित ऊर्जा) के इस्तेमाल से कार्बन उत्सर्जन में काफी कमी आएगी, जिससे पृथ्वी को खतरा है।
बयान में कहा गया है, ‘इसके अलावा, यह आयोजन हमारी सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत में मकर संक्रांति के महत्व को रेखांकित करेगा।’ सूर्य नमस्कार शरीर और मन के समन्वय के साथ 12 चरणों में किए जाने वाले आठ आसनों का एक समूह है। इसे ज्यादातर प्रात: काल में किया जाता है।
आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि मकर संक्रांति पर होने वाला सूर्य नमस्कार प्रदर्शन कोविड-19 के समय अधिक प्रासंगिक है। उन्होने कहा, ‘यह एक सिद्ध तथ्य है कि सूर्य नमस्कार जीवन शक्ति और प्रतिरक्षा का निर्माण करता है और इसलिए यह कोरोना वायरस को दूर रखने में सक्षम है।’