1 जनवरी से गाड़ियों पर FASTag हुआ अनिवार्य, नहीं कराया तो आज ही करें अप्लाई, जुर्माना देने से बचें

नई दिल्ली। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने आधिकारिक तौर पर घोषणा कर दी है कि एक दिसंबर से राष्ट्रीय राजमार्ग से गुजरने वाले सभी चार पहिया वाहनों पर फास्टैग (Fastag) लगाना जरूरी होगा। ऐसा नहीं करने वालों को जुर्माना राशि देनी होगी। सरकार के आदेश में सबसे पहले समझते हैं कि फास्टैग है क्या? दरअसल ये खास तकनीक है जिसके जरिए देशभर के नेशनल हाईवे के टोल प्लाजा पर आप स्वत: डिजिटल भुगतान कर सकेंगे। मतलब ये कि टोल की रकम आपके अकाउंट से खुद ब खुद कट जाएगी।

जिन लोगों की पुरानी चार पहिया गाड़ियां हैं और जिन्होंने अभी तक फास्टैग नहीं लिया है। उनके लिए जानना जरूरी है कि इसके लिए कहां व कैसे अप्लाई करें? हम आपके तमाम सवालों के जवाब दे रहे हैं। एक बार फिर आपको बता दें कि फास्टैग (Fastag) इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन तकनीक है। इसमें रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) चिप लगी होती है। टैग को गाड़ी के विंडस्क्रीन पर लगाया दिया जाता है। जैसे ही आपकी गाड़ी टोल प्लाजा के पास आती है, तो टोल प्लाजा पर लगा सेंसर आपके वाहन के विंडस्क्रीन पर लगे फास्टैग को ट्रैक करता है।

फिर खुद ब खुद आपके फास्टटैग अकाउंट से उस टोल प्लाजा पर लगने वाली राशि कट जाती है। इस तकनीक का सबसे बड़ा फायदा ये है कि नोट या फिर करेंसी देने के लिए आपको गाड़ी रोकने की दरकार नहीं होती है। साथ ही आपके समय की भी बचत होती है। तीसरा सबसे बड़ा फायदा ये है कि टोल चुकाने के लिए आपको छुट्टे पैसे रखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। वाहन में लगा यह टैग आपके प्रीपेड खाते के सक्रिय होते ही जरूरी रकम निकाल लेगी। इसके लिए आपको अपना फास्टैग अकाउंट रिचार्ज करवाते रहना पड़ेगा। अगर आपके फास्टैग अकाउंट में पैसा खत्म हो गया है तो टोल से गुजरने की इजाजत नहीं मिलेगी।

नए वाहन मालिकों को FASTag के बारे में परेशान होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि निबंधन के वक्त ही ये आपको उपलब्ध करा दिया जाता है। हां, अगर आपके पास पुरानी गाड़ी है तो आपको जल्दी से जल्दी फास्टैग लेनी होगी, वरना कभी भी फंस सकते हैं। आप उन बैंकों से FASTag खरीद सकते हैं जो सरकार के राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह (NETC) कार्यक्रम की ओर से अधिकृत किये गए हैं। ऐसे बैंकों में शामिल हैसिंडिकेट बैंक, एक्सिस बैंक, आईडीएफसी बैंक, एचडीएफसी बैंक, भारतीय स्टेट बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और इक्विटास बैंक। इसके अलावा आप पेटीएम से भी फास्टैग ले सकते हैं।

FASTag को किसी भी प्वाइंट ऑफ सेल (POS) लोकेशन पर जाकर बैंक से ऑफलाइन खरीद सकते हैं। अगर आप लंबी कतार में नहीं लगना चाहते हैं तो ऑनलाइन आवेदन करना और भी आसान है। FASTag आवेदन करने की प्रक्रिया अलग अलग बैंकों में भिन्न है। हालांकि मूल जानकारियां लगभग सभी बैंकों में एक समान ही देनी होती है।

कैसे करें ऑनलाइन अप्लाई?

FASTag प्रीपेड खाता खोलने के लिए बैंक की ऑनलाइन FASTag एप्लिकेशन वेबसाइट पर जाएं। जरूरी नहीं कि FASTag अकाउंट खोलने के लिए उस बैंक का आपको खाता धारक होना ही होगा। आपसे निजी विवरण मसलन नाम, पता, जन्मतिथि, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, आदि मांगे जाएंगे। केवाईसी दस्तावेज के तौर पर ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, पासपोर्ट, मतदाता पहचान पत्र, या आधार कार्ड के बारे में भी पूछा जा सकता है। गाड़ी के रजिस्ट्रेशन का डीटेल्स भी पूछा जाएगा। ऑनलाइन आवेदन करते समय RC नंबर जरूर देख लें।

ऑनलाइन आवेदन करते समय सभी आवश्यक दस्तावेजों की स्कैन कॉपी अपलोड करनी होती है। वाहन मालिक की 1 पासपोर्ट साइज फोटो और आरसी की कॉपी भी आपसे मांगी जाती है। सभी प्रक्रिया पूरी करने के बाद आपका FASTag अकाउंट बन जाएगा। आप अपने FASTag खाते को ऑनलाइन या FASTag ऐप के जरिए एक्सेस कर सकते हैं। फास्टैग अकाउंट को रीचार्ज करने के लिए आप क्रेडिट कार्ड/डेबिट कार्ड/ एनईएफटी / आरटीजीएस या फिर नेट बैंकिंग का इस्तेमाल कर सकते हैं। रिचार्ज की अधिकतम राशि 1 लाख रुपये तक होती है। FASTag से काटी गई रकम के लिए आपको एसएमएस और ईमेल अलर्ट के जरिये सूचित किया जाता है। अच्छी बात ये है कि फास्टैग के इस्तेमाल पर आपको कैशबैक का ऑफर भी मिलता है।

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