रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा कोरोना काल में आर्थिक विकास को सुचारू रूप से जारी रखने के लिए अपनाई गई रणनीति के उत्साहजनक परिणाम सामने आए हैं। संकट के बावजूद प्रदेश के त्यौहारी बाजार में अच्छी रौनक दिख रही है। वाहन बाजार से मिले आंकड़ों के अनुसार पिछले नवरात्रि की तुलना में इस बार की नवरात्रि में ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्र के लोगों ने जमकर वाहनों की खरीदी की है। वर्ष 2019 में नवरात्र के दौरान जहां 417 एग्रीकल्चर ट्रेक्टर बिके थे, वहीं इस साल 679 ट्रेक्टरों की बिक्री हुई। इसी तरह कमर्शियल ट्रेक्टर पिछले साल 28 बिके थे, जबकि इस साल यह संख्या 35 रही। यह आंकड़ा ग्रामीण क्षेत्रों में आ रही समृद्धि तथा किसानों में बढ़ते आत्मविश्वास को दर्शाता है। इसी तरह मोटर कार की बिक्री में भी वृद्धि दर्ज की गई है। पिछली नवरात्र को जहां 2426 मोटर कार लोगों ने खरीदी थीं, वहीं इस बार 2795 मोटर कारों की बिक्री हुई। यदि हार्वेस्टर की बात करें तो पिछले नवरात्रि में मात्र एक हार्वेस्टर की बिक्री हुई थी, जबकि इस नवरात्रि में 24 लोगों ने हार्वेस्टर की खरीदी की है। गांवों की तरह शहरी क्षेत्रों में भी लोगों में उत्साह और आत्मविश्वास का वातावरण बना हुआ है। कोरोनाकाल के बाद तेजी से छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था संवर रही है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों की जेब में पैसा डालने इसे असर माना जा सकता है।
एक ओर जहां पूरे देश में आर्थिक मंदी और बेरोजगारी का माहौल देखा जा सकता है वहीं छत्तीसगढ़ राज्य में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा कोरोनाकाल में लिए गए सकारात्मक और दूरदर्शी निर्णय का परिणाम उपलब्धियों के रुप में देश में सुर्खियां बटोर रहा है। किसानों के खाते में संकट के समय पैसा डालने, लाॅकडाउन में उद्योग का संचालन सुचारू रखकर रोजगार के अवसर को बनाए रखने, मनरेगा के माध्यम से सर्वाधिक रोजगार देने जैसे अभिनव प्रयासों का ही यह असर है कि छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था पूरी रफतार से गतिमान रही। राज्य में मंदी का असर नहीं पड़ा। अनलाॅक होने के बाद जब बाजार खुले तो व्यवसाय में भी तेजी से रौनक आई और त्योहार का सीजन आने के साथ खरीददारी भी बढ़ गई। इस नवरात्रि में गत नवरात्रि की अपेक्षा अधिक संख्या में कृषि कार्य के लिए ट्रैक्टर, कार और हार्वेस्टर की बिक्री से इसे देखा जा सकता है।