न्यूज़ डेस्क (Bns)। 22 जनवरी को अयोध्या (Ayodhya) में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह है, ऐसे में कई मोर्चों पर सतर्कता बरती जा रही है। केंद्र सरकार ने अब मीडिया और सोशल मीडिया के लिए झूठी और भड़काऊ बातों से दूर रहने को नसीहत जारी की है। केंद्र सरकार ने इसके लिए एडवाइजरी भी जारी की है। एडवाइजरी के अनुसार- राममंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह से संबंधित कोई भी गलत या हेरफेर करके तैयार की गई सामग्री का प्रकाशन नहीं किया जाना चाहिए।
सांप्रदायिक सद्भाव न हो खराब: सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा जारी किये गए परामर्श में कहा गया है कि यह देखा गया है कि कुछ असत्यापित, भड़काऊ और फर्जी संदेश फैलाए जा रहे हैं, विशेष तौर पर सोशल मीडिया पर, जो सांप्रदायिक सद्भाव और लोक व्यवस्था को बिगाड़ सकते हैं। अयोध्या में रामलला के विग्रह के प्राण प्रतिष्ठा से पहले, कई लोगों को VIP निमंत्रण, दान अभियान और भव्य समारोह के प्रसाद से संबंधित फर्जी संदेश मिले हैं। अयोध्या स्थित राम मंदिर में रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा 22 जनवरी को होगी और इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित होंगे।
इनके लिए है एडवाइजरी: परामर्श में समाचार पत्रों, निजी सैटेलाइट टेलीविजन चैनल और डिजिटल मीडिया पर समाचार एवं समसामयिक मामलों के प्रकाशकों से ऐसी किसी भी सामग्री को प्रकाशित और प्रसारित करने से परहेज करने को कहा गया है जो झूठी या हेरफेर करके तैयार की गई हो सकती हैं या जिनसे देश में सांप्रदायिक सद्भाव या लोक व्यवस्था बिगड़ने की आशंका हो। परामर्श में कहा गया है, “इसके अलावा, सोशल मीडिया मंचों को उनके संबंधित दायित्वों के तहत, सलाह दी जाती है कि वे ऊपर उल्लिखित प्रकृति की सामग्री की जानकारी प्रदर्शित या प्रकाशित नहीं करने के लिए उचित प्रयास करें।’ मंत्रालय ने प्रेस परिषद अधिनियम और केबल टेलीविजन नेटवर्क विनियमन अधिनियम द्वारा निर्धारित पत्रकारिता आचरण के मानदंडों के प्रासंगिक हिस्सों का उल्लेख किया जो सटीकता एवं निष्पक्षता, जाति, धर्म और समुदायों के संदर्भ और सर्वोपरि राष्ट्रीय हित से संबंधित हैं।
TV के लिए कही ये बात: टेलीविजन चैनलों को ‘प्रोग्राम कोड’ का पालन करने के लिए कहा गया है जिसमें कहा गया है कि केबल सेवा पर कोई भी ऐसा कार्यक्रम प्रसारित नहीं किया जाना चाहिए जिसमें कुछ भी अश्लील, अपमानजनक, झूठा और विचारोत्तेजक आक्षेप और आधा सच शामिल हो, या ऐसी सामग्री हो जिससे हिंसा भड़कने की आशंका हो या जिसमें कुछ भी कानून एवं व्यवस्था के खिलाफ शामिल हो या जो राष्ट्र-विरोधी दृष्टिकोण को बढ़ावा देती हो।