नई दिल्ली। 12 जनवरी से ओमिक्रॉन की जांच आसान होने वाली है और सामान्य RC-PCR टेस्ट की तरह इसकी रिपोर्ट भी कुछ ही घंटों में मिल सकती है। ओमिक्रॉन की जांच के लिए एक स्वदेशी टेस्ट किट विकसित की गई है, जिसके इस्तेमाल के बाद जीनोम सिक्वेंसिग का लफड़ा ही खत्म होने जा रहा है। ओमिश्योर टेस्ट किट को मंजूरी मिलने के बाद कंपनी इसे बाजारों में लॉन्च करने के लिए तैयार है और इसकी कीमत भी बहुत ज्यादा नहीं है। सबसे बड़ी बात ये है कि ओमिश्योर टेस्ट किट से यह फौरन पता लगाया जा सकेगा कि मरीज डेल्टा वेरिएंट से संक्रमित है या उसे ओमिक्रॉन वेरिएंट वाले नए वायरस ने जकड़ रखा है। यानी उसी के हिसाब से इलाज शुरू करने में देरी नहीं होगी।
12 जनवरी से बाजारों में ओमिक्रॉन टेस्ट किट उपलब्ध होगी। ओमिश्योर टेस्ट किट कोविड के ओमिक्रॉन वेरिएंट का पता लगाने में सक्षम है। भारत में बनी इस नई ओमिक्रॉन टेस्ट किट को इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने मंजूरी दी है। सरकार को उम्मीद है कि इस टेस्ट किट की सहायता से कोविड पॉजिटिव सैंपल के जीनोम सिक्वेंसिंग करवाने का भार कम होगा। अभी कोविड की आरटी-पीसीआर टेस्ट से सिर्फ संक्रमण होने या ना होने की जांच हो पाती है। ओमिक्रॉन का संक्रमण है या नहीं, इसके लिए पॉजिटिव सैंपल की जीनोम सिक्वेंसिंग की आवश्यकता पड़ती है। आरटी-पीसीआर टेस्ट से डेल्टा या ओमिक्रॉन वेरिएंट का अंतर नहीं पता चलता।
ओमिश्योर टेस्ट किट टाटा मेडिकल एंड डायग्नॉस्टिक सेंटर ने विकसित की है। यह ऐसा पहला टेस्ट है जो कोविड के ओमिक्रॉन और डेल्टा वेरिएंट में आसानी से अंतर कर सकता है और वह भी बहुत कम वक्त में। जबकि जीनोम सिक्वेंसिंग में कई दिन लग जाते हैं। नैट हेल्थ के प्रेसिडेंट हर्ष महाजन ने ईटी से कहा है, ‘अभी राज्य सरकारें एस-जीन का पता लगाने के लिए थर्मो फिशर टेस्ट किट का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो कि डेल्टा में नहीं होता। यह टेस्ट किट भारत में निर्मित नहीं होता है। नई टेस्ट किट ओमिश्योर में बहुत अधिक सटीकता है और यह वायरस को बेहतर तरीके से ट्रैक करने में मदद करेगी। ‘ उन्होंने कहा है कि ‘(अब) सभी पॉजिटिव सैंपल को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भेजने की जरूरत नहीं पड़ेगी।’
टाटा एमडी ने ओमिश्योर टेस्ट किट की कीमत प्रति टेस्ट 250 रुपये फिक्स कर दी है, जो कि बाजार में उपलब्ध टेस्ट किट से सस्ती है। लेकिन, यह टेस्ट घर में नहीं हो सकता, इसलिए लैब चार्ज अलग से लग सकते हैं। टाटा एमडी के पास इस समय हर महीने 2,00,000 टेस्ट किट उत्पादन की क्षमता है। कंपनी इसे विदेशों में भी बेचने की योजना बना रही है और यूरोपियन यूनियन और अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन में इसके लिए आवेदन भी कर दिया है।
जैसा कि ओमिश्योर टेस्ट किट ओमिक्रॉन वेरिएंट की जांच के लिए सिर्फ आरटी-पीसीआर टेस्ट पर निर्भर है, इसलिए इसके इस्तेमाल से जीनोम सिक्वेंसिंग में लगने वाला पूरा समय बच जाता है। ओमिश्योर टेस्ट में सैंपल लेने से लेकर आरएनए निकालने तक की पूरी प्रक्रिया 3 से 4 घंटे में पूरी हो जाती है और रिपोर्ट मिल जाती है।
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शुक्रवार सुबह 9.34 बजे तक के आंकड़ों के मुताबिक देश में ओमिक्रॉन संक्रमण के कुल मामले 3,007 तक पहुंच चुके हैं, जिनमें से 1,199 डिस्चार्ज हो चुके हैं या स्वस्थ हो चुके हैं या फिर माइग्रेट कर चुके हैं। ओमिक्रॉन के मामलों में सबसे आगे महाराष्ट्र है और उसके बाद दिल्ली ने अपनी रफ्तार बनाई हुई है। कुल मिलाकर सुबह तक देश में कोविड के ऐक्टिव केस लोड बढ़कर 3,71,363 हो चुके हैं। पिछले 24 घंटों में कुल 1,17,100 नए संक्रमण दर्ज किए गए हैं।