नई दिल्ली। कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र सरकार ने गुरुवार को साफ कर दिया है कि पहली डोज वाली वैक्सीन ही प्रीकॉशन डोज के रूप में दी जाएगी। देश में 10 जनवरी से प्रीकॉशन डोज की शुरुआत होगी। सबसे पहले यह स्वास्थ्य देखभाल और फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं को एहतियात के तौर पर दी जाएगा।
केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को लिखे पत्र में कहा कि वो प्राइवेट अस्पताल जो कोविड टीकाकरण केंद्र के रूप में कार्य कर रहे हैं, वे अपने कर्मचारियों (डॉक्टरों, पैरामेडिक्स आदि) को अस्पताल में ही टीका लगा सकते हैं। इसके साथ-साथ वे अपने कर्मचारियों के लिए वैक्सीन में आने वाले खर्चे को भी वहन कर सकता है। देश में अभी तक 148 करोड़ से ज्यादा टीके की खुराक दी लगाई जा चुकी है।
भूषण ने कहा कि देश की 91 फीसदी वयस्क आबादी ने टीके की कम से कम एक खुराक ले ली है और 66 प्रतिशत को पूरी तरह से टीका लगाया गया है। उन्होंने कहा कि 15 से 18 वर्ष की आयु के 17 प्रतिशत से अधिक किशोरों को भी इस आयु वर्ग के लिए टीकाकरण शुरू होने के तीन दिनों के भीतर पहली खुराक का टीका लगाया गया है।
भूषण ने कहा कि नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन (एनटीएजीआई) वही वैक्सीन लगाने की सिफारिश की है यानी वहीं वैक्सीन जो पिछले दो खुराक में दी गई है। भारत में गुरुवार को कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमिक्रॉन’ के एक दिन में सर्वाधिक 495 नए मामले सामने आए, जिससे इस स्वरूप से संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़कर 2,630 हो गई है।
वहीं, गुरुवार को भारत में एक दिन में कोविड-19 के 90,928 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमितों की संख्या बढ़कर 3,51,09,286 हो गई है। करीब दो सौ दिन बाद इतने अधिक मामले सामने आए हैं। देश में 325 और संक्रमितों की मौत के बाद मृतक संख्या बढ़कर 4,82,876 हो गई है। वहीं, एक्टिव मरीजों की संख्या 2,85,401 हो गई है।