नई दिल्ली। ओडिशा में चक्रवाती तूफान के दौरान 300 से ज्यादा बच्चों का जन्म हुआ। तूफान के समय इन बच्चों के जन्म लेने पर कुछ परिवार वालों ने चक्रवात के ‘यास’ के नाम पर इनका नामकरण भी कर दिया है। बता दें कि सोमवार और मंगलवार को राज्य के तटीए इलाकों में तूफान की वजह से भारी नुकसानी हुई है। स्थिति ये हो गई थी कि लोगों को राहत शिविरों में भेजना पड़ा था।
चक्रवात यास कमजोर होकर अब झारखंड की तरफ बढ़ रहा है और यहां अलग-अलग राहत शिविरों में शरण लिए लोग अपने घरों की तरफ लौटने लगे हैं। हालांकि कोविड-19 के खतरे के बीच इस तूफान की वजह से अपने घरों से बाहर निकलने को विवश लोगों के संक्रमित होने का खतरा और ज्यादा बढ़ गया है।
जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा और जाजपुर जिलों में बड़ी संख्या में लोग बुधवार को ही अपने घरों की तरफ लौटने लगे थे, वहीं कुछ लोग बृहस्पतिवार सुबह में लौटे हैं। हालांकि चक्रवात यास ने विध्वंसक रूप नहीं अपनाया था और इसने तटीय और उत्तरी ओडिशा के बड़े इलाकों को व्यापक नुकसान नहीं पहुंचाया।
इस तूफान को लेकर जो डर था कि इससे बड़े पैमाने पर क्षति होगी या लोग हताहत हो सकते हैं, वह आशंका सही साबित नहीं हुई और इस तूफान के यहां से गुजरने के बाद लोग आश्रय स्थलों से अपने घरों की तरफ लौटने लगे।