गाजियाबाद (यूपी)। 30 मिनट से ज्यादा वक्त में डिलीवरी पर फ्री पिज्जा तो आपने सुना होगा लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि गलत वेज की जगह नॉनवेज पिज्जा डिलीवरी करने पर करोड़ रुपए का जुर्माना मांगा गया हो। नहीं लेकिन ऐसा हुआ है। दिल्ली से सटे यूपी के गाजियाबाद में एक महिला को अमेरिकी पिज्जा कंपनी ने वेज पिज्जा की बजाए नॉन वेज पिज्जा भेज दिया। इस बात से भड़की पीडि़ता ने अमेरिकी कंपनी के खिलाफ उपभोक्ता फोरम केस दर्ज करवाया और एक करोड़ का हर्जाना ठोका। पीडि़ता महिला का कहना है कि इससे उन्हें जो नुकसान हुआ है उसे ठीक करने के लिए मंहगे और कठिन अनुष्ठानों से गुजरना होगा। अब ये मामला सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बना हुआ है।
सूत्रों के मुताबिक पिज्जा ऑर्डर करने वाली महिला का नाम दिपाली त्यागी है। दिपाली का कहना है कि वो पूरी तरह से वेजिटेरियन हैं क्योंकि ऐसा होना उनके धर्म, पारिवारिक संस्कारों और मूल्यों के हिसाब से वेजिटेरियन होना ज्यादा अच्छा है। दिपाली ने विस्तार से मामले के बारे में बताते हुए कहा कि 21 मार्च, 2019 को उन्होंने अमेरिकन पिज्जा रेस्टोरेंट से एक वेजिटेरियन पिज्जा ऑर्डर किया था। उस दिन होली थी। दिपाली ने बताया कि होली खेलने के बाद बच्चे भूखे थे इसलिए उन्होंने पिज्जा ऑर्डर किया।
दिपाली ने बताया कि पिज्ज कंपनी ये दावा करती है पिज्जा 30 मिनट से कम समय में डिलीवरी हो जाएगा लेकिन पिज्जा 30 मिनट के बाद भी बहुत देरी से पहुंचा। दिपाली ने आगे बताया कि देरी से पिज्जा डिलीवर होने के बावजूद भी उन्होंने पिज्जा ले लिया। लेकिन जब उन्होंने पिज्जा खाया तो मालूम पड़ा कि पिज्ज नॉनवेज पिज्जा था। उसमें मशरूम की जगह मीट था।
दिपाली के वकील फरहत वारसी ने बताया कि जब दिपाली ने इस संबंध में पिज्जा कंपनी से शिकायत की गई तो उन्होंने इसे हल्के में लिया। 6 मार्च 2019 को कंपनी के एक मैनेजर ने उन्हें कॉल किया और पूरे परिवार के लिए मुफ्त में वेज पिज्जा भेजने की पेशकश की। इसपर दिपाली ने कहा कि यह कोई साधारण मामला नहीं है। इससे हमारी धार्मिक भावना पर ठेस पहुंचा है। इसके बाद दिपाली ने दिल्ली की जिला उपभोक्ता फोरम में केस दर्ज किया गया। कंपनी ने इस पर जवाब मांगा गया है। इसपर सुनवाई 17 मार्च को होगी। पीडि़त परिवार का कहना है कि इस घटना की वजह से उन लोगों को बहुत मानसिक पीड़ा हुई। उन्हें शुद्धि के लिए पूजा-अनुष्ठान करना पड़ेगा। जिसमें काफी खर्च आएगा।