हैदराबाद। तेलंगाना हाईकोर्ट ने भूमि अधिग्रहण मामलों में अवमानना के लिए नौकरशाहों पर शिकंजा कस दिया है, क्योंकि पिछले एक सप्ताह के दौरान इसने दो जिला कलेक्टरों सहित पांच अधिकारियों को कारावास की सजा सुनाई है। नौकरशाहों को कारावास की सजा सुनाकर हाईकोर्ट ने अवमानना के मामलों में शामिल अधिकारियों को कड़ा संदेश दिया है कि वे अदालत के आदेशों की ‘जान-बूझकर अवज्ञा’ पर सजा से बच नहीं सकते।
अवमानना मामले में हाईकोर्ट के दो आदेशों ने कई याचिकाकर्ताओं में उम्मीद जगाई है, जिन्होंने अदालत के निर्देशों की अवहेलना के लिए शीर्ष अधिकारियों के खिलाफ अदालत का दरवाजा खटखटाया है।
गौरतलब है कि राज्य के कई शीर्ष अधिकारियों को खासकर सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण से संबंधित अवमानना मामलों का सामना करना पड़ रहा है।
बहरहाल, तेलंगाना हाईकोर्ट ने मंगलवार को सिद्दीपेट के जिला कलेक्टर पी. वेंकटरामी रेड्डी के लिए तीन महीने की जेल और विशेष डिप्टी कलेक्टर, कलेश्वरम भूमि अधिग्रहण, जयचंद्र रेड्डी को चार महीने की जेल और प्रत्येक को 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया। दोनों अधिकारियों के लिए जेल अवधि छह सप्ताह के लिए निलंबित कर दी गई थी।
कोर्ट ने सरकारी अधिकारियों को सिद्दीपेट जिले में कुछ किसानों को अवैध तरीके से निर्वासित करने के लिए दोषी ठहराया। कोर्ट ने वेंकटरामी रेड्डी और जयचंद्र रेड्डी को निर्देश दिया कि वे कानूनी लागतों के लिए किसानों को क्रमश: 25,000 और 50,000 रुपये का भुगतान करें।
कोर्ट ने आदेशों का पालन नहीं करने पर अगस्त 2018 से जून 2019 के बीच सिद्दीपेट के कलेक्टर के रूप में सेवा देने वाले राजना सिरसीला जिला कलेक्टर कृष्णा भास्कर पर भी 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया।