नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने में कुछ महीने का वक्त शेष रह गया है। सभी दलों ने अपनी तरफ से तैयारियां भी तेज कर दी हैं। लेकिन सूबे की सत्ता पर काबिज ममता बनर्जी की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही। ममता बनर्जी की पार्टी से नेताओं की विदाई का पिछले वर्ष शुरु हुआ सिलसिला अभी तक थमा नहीं है। आलम ये है कि विगत डेढ़ वर्षों के दौरान पार्टी के चार सांसद और 14 विधायकों ने दीदी का साथ छोड़ हाथों में कमल का फूल थाम लिया। ममता बनर्जी के अपनों के छूटते साथ वाले लोगों की सूची में नया नाम पश्चिम बंगाल के वन मंत्री राजीव बनर्जी का जुड़ा है। राज्य के वनमंत्री राजीव बनर्जी ने राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। बनर्जी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर सूचित किया कि वह कैबिनेट मंत्री के पद से इस्तीफा दे रहे हैं। उन्होंने इस्तीफा देने का कोई कारण नहीं बताया। हालांकि बाद में पत्रकारों से बात करते हुए राजीव बनर्जी ने शुक्रवार को कहा कि पार्टी नेताओं के एक धड़े के खिलाफ आवाज उठाने पर उनके खिलाफ हो रहे व्यक्तिगत हमलों से ‘‘बेहद आहत’’ हो कर उन्होंने राज्य के वन मंत्री के पद से इस्तीफा दिया है। बनर्जी ने हालांकि आने वाले दिनों में पार्टी छोड़ने की योजना के बारे में पूछे जाने पर कोई जवाब नहीं दिया। लेकिन उनके बीजेपी में शामिल होने की अटकलें लगाई जा रही हैं।
This is to inform you that I am resigning as the Minister in Charge, Department of Forest, West Bengal from today. pic.twitter.com/dfVq6aVxUj
— Rajib Banerjee (@RajibBanerjeeWB) January 22, 2021
2019 का साल ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस दोनों ही के लिए बहुत अच्छा नहीं रहा। पहले तो लोकसभा चुनाव से ठीक पहले ममता के करीबी रहे मुकुल राॅय ने बीजेपी का दामन थामा वहीं उसके बाद तो कमल थामने वाले तृणमूल नेताओं की झड़ी लग गई। अनुपम हाजरा, सौमित्र खान, अर्जुन सिंह समेत तृणमूल नेताओं का बीजेपी में आना जारी रहा। बाद में लोकसभा चुनाव में मोदी लहर की बंगाल दस्तक ने ममता के अखंड राज पर अनिश्चितता के बादल ला दिए। अमित शाह के बंगाल दौरे के वक्त शुभेंदु अधिकारी और शीलभद्र दत्ता ने भाजपा की सदस्यता ली। इसके साथ ही सांसद सुनील मंडल, विधायक मिहिर गोस्वामी, अरिंदम भट्टाचार्य, राजीव बनर्जी, तापसी मंडल, सुदीप मुखर्जी, सैकत पांजा, अशोक डिंडा, दीपाली बिस्वास, शुक्र मुंडा आदि शामिल हैं।