हैदराबाद। दुनियाभर में कोरोना वायरस से लोग परेशान है। इस वायरस के रोकथाम के लिए वैज्ञानिक वैक्सीन बना रहे हैं और कुछ वैक्सीन के प्रारंभिक प्रयोग सफल रहे हैं और इनसे सकारात्मक परिणाम भी दिखाई दिए हैं। इन्हीं वैक्सीन में एक है रूस की स्पूतनिक वैक्सीन और ‘कोवैक्सीन’। इस वैक्सीन को लगाने वालों को एक सलाह दी जा रही है कि वैक्सीन लगवाने से पहले और बाद में शराब का सेवन न करें, नहीं तो वैक्सीन असर नहीं करेगा।
भारत बायोटेक द्वारा तैयार किए जा रहे ‘कोवैक्सीन’ को लगवाने के बाद 14 दिनों तक शराब के सेवन से परहेज करना होगा, वहीं रूस में तैयार ‘स्पूतनिक-वी’ लगवाने पर अगले दो महीने तक शराब पीना मना हो जाएगा। स्पूतनिक वैक्सीन के लिए भारत ने भी करार किया है और जल्द ही यह वैक्सीन भारतीयों को भी लगाई जा सकती है।
रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय का बयान
कोरोना वैक्सीन को लेकर रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय के गमालिया इंस्टिट्यूट ऑफ एपिडेमोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी ने सलाह दी है कि स्पूतनिक वैक्सीन का हर डोज लेने के बाद कम से कम तीन दिन तक शराब का सेवन न करें। संस्थान के निदेशक एलेक्जेंडर गिन्ट्सबर्ग ने कहा कि हम पूर्ण शराब पाबंदी की बात नहीं कर रहे। लेकिन एक नियंत्रित रोक आवश्यक ह। यह केवल स्पूतनिक की नहीं किसी भी कोरोना वैक्सीन के लिए कारगर सलाह है।
गौरतलब है कि रूस में हाल ही में लोगों को स्पूतनिक-वी टीका दिया जा रहा है। रूस के उपप्रधानमंत्री ततियाना गोलिकोवा का कहना है कि मेरी सलाह देने का लक्ष्य यह है कि लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत बनी रहे।
बड़े स्तर पर वैक्सीन लगाने की मुहिम
हाल ही में रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने बड़े स्तर पर वैक्सीन लगाने की मुहिम की शुरुआत करने का आदेश दिया था। रूस अपने ही देश में विकसित ‘स्पूतनिक वी’ नामक वैक्सीन का उपयोग कर रहा है, जिसे अगस्त के महीने में मंजूरी दे दी गई थी।
कोरोना वैक्सीन लगाने की मुहिम के लिए हजारों की संख्या में चिकित्सकों, शिक्षकों और अन्य लोगों ने हस्ताक्षर किए हैं। वहीं राष्ट्रपति से आदेश मिलने के बाद वैक्सीन देने के लिए दर्जनों केंद्र खोले गए हैं।
क्या कहते हैं वैज्ञानिक
स्पूतनिक टीका लेने के दो महीने बाद वैक्सीन काम करना शुरु करेगी। इस दौरान वैक्सीन लेने वाले व्यक्ति को कुछ सावधानियां रखनी पड़ती है। रूसी स्वास्थ्य मंत्रालय के गमालिया इंस्टीच्यूट ऑफ एपिडेमोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी के प्रमुख एलेक्जेंडर गिन्ट्सबर्ग का भी कहना है कि स्पूतनिक वैक्सीन लेने के बाद अगर शराब का सेवन करेंगे तो वैक्सीन का प्रभाव कम होने का खतरा है। कंज्यूमर सेफ्टी वॉचडॉग की प्रमुख अन्ना पोपोवा ने कहा है कि कोविड-19 स्ट्रेन को खत्म करने के लिए शराब बिल्कुल ना पीएं।
वहीं, इंडियन काउंसिल फॉर मेडिकल रिसर्च के एपिडेमियोलॉजी एंड कम्युनिकेबल डिजीज के प्रमुख डॉ. समिरन पांडे ने कहा कि चिकित्सकीय भाषा में अल्कोहल को ‘इम्यूनो सप्रेसेंट’ कहा जाता है। खून में अल्कोहल मिलने के बाद शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है।
14 दिनों तक शराब के सेवन से परहेज
कोरोना का टीका लगवाने के बाद शराब से दूर रहना पड़ेगा। शराब पीने से टीका बेअसर साबित हो सकता है। विशेषज्ञों ने यह दावा किया है। भारत बायोटेक द्वारा तैयार किए जा रहे ‘कोवैक्सीन’ को लगवाने के बाद 14 दिनों तक शराब के सेवन से परहेज करना होगा, वहीं रूस में तैयार ‘स्पूतनिक-वी’ लगवाने पर अगले दो महीने तक शराब पीना मना हो जाएगा। इसी तरह मॉडर्ना का टीका लगवाने पर 42 दिनों तक शराब नहीं पी जा सकेगी।
शराब की बिक्री पर असर
बंगाल के परिप्रेक्ष्य में कहे तो यहां शराब की बहुत ज्यादा बिक्री होती है। हर साल बीयर के ही 80 लाख केस बिकते हैं। एक केस में बीयर की 24 बोतलें होती हैं। वही देसी शराब की भी 1.4 करोड़ केस की बंगाल में बिक्री होती है। इससे यहां शराब की बिक्री पर असर पड़ सकता है।
भारत में वैक्सीनेशन की तैयारी तेज
भारत में बड़े पैमाने पर कोरोना वायरस के टीकाकरण की तैयारी चल रही है। केंद्र सरकार ने इसके लिए एक विस्तृत योजना तैयार की है। ऐसे में वैक्सीन लगने के बाद भारतीयों को भी इससे संबंधित कुछ सावधानियों का पालन जरूर करना होगा।