नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप मामले का दोषी मुकेश सिंह ने मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास दया याचिका दायर की है। मुकेश सिंह उन चार दोषियों में से एक है, जिन्हें 22 जनवरी को सुबह सात बजे फांसी होनी है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मौत की सजा पाए चार मुजरिमों में से दो की सुधारात्मक खारिज कर दी। न्यायमूर्ति एन वी रमण की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने दोषी विनय शर्मा और मुकेश कुमार की सुधारात्मक याचिकाओं पर विचार के बाद उन्हें खारिज कर दिया। सुधारात्मक याचिका किसी व्यक्ति को उपलब्ध अंतिम कानूनी विकल्प है।
देश: निर्भया गैंगरेप: दोषी मुकेश सिंह ने राष्ट्रपति के पास भेजी दया याचिकाhttps://t.co/j6HQUIOtiX… pic.twitter.com/4N8xruFTK7
— Himanshu Rana (@Himanshu_Ranaaa) January 14, 2020
पांच न्यायाधीशों की यह सर्वसम्मत राय थी कि इन दोषियों की सुधारात्मक याचिकाओं में कोई दम नहीं है। पीठ ने अपने आदेश में कहा कि मौत की सजा के अमल पर रोक के लिए आवेदन भी अस्वीकार किया जाता है। हमने सुधारात्मक याचिकाओं और संबंधित दस्तावेजों का अवलोकन किया है। हमारी राय में रूपा अशोक हुर्रा बनाम अशोक हुर्रा एवं अन्य के मामले में 2002 के फैसले में इस न्यायालय द्वारा प्रतिपादित मानकों के दायरे में इसमें कोई मामला नहीं बनता है। सुधारात्मक याचिकायें खारिज की जाती हैं।
हाल ही में दिल्ली की एक अदालत ने सात जनवरी को इस मामले के चारों मुजरिमों को 22 जनवरी को सवेरे सात बजे तिहाड़ जेल में मृत्यु होने तक फांसी पर लटकाने के लिए आवश्यक वारंट जारी किया था। इसके बाद, नौ जनवरी को विनय और मुकेश ने सुधारात्मक याचिका दायर की थी। दो अन्य दोषियों अक्षय कुमार सिंह और पवन गुप्ता ने अभी तक सुधारात्मक याचिका दायर नहीं की है।