नई दिल्ली। केन्द्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बृहस्पतिवार को बताया कि बलात्कार, महिलाओं के विरुद्ध हिंसा और बच्चों के यौन उत्पीड़न को रोकने संबंधी कानून पाक्सो के मामलों के त्वरित निस्तारण के लिये देश भर में 1023 फास्ट ट्रैक अदालतें स्थापित करने का राज्यों को प्रस्ताव भेजा गया है। इसे 16 राज्यों ने स्वीकार कर लिया है। प्रसाद ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में कहा कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा के मामलों का शीघ्र निस्तारण सरकार के लिये प्राथमिकता है। इसके तहत गंभीर आपराधिक मामलों के निस्तारण के लिये देश में 704 फास्ट ट्रैक अदालतें स्थापित हो गयी हैं और ये कार्यरत भी हैं।
Till now for heinous offences 704 fast track courts have been established and are working. For Rape, women related violence and POCSO Act,1023 Fast Track courts have been proposed out of which 420 courts have been agreed to be established and 161 courts have started functioning. pic.twitter.com/nT0ssgB8xT
— Ravi Shankar Prasad (Modi ka Parivar) (@rsprasad) December 5, 2019
इसके अलावा बलात्कार सहित महिला हिंसा से जुड़े अन्य मामलों और पॉक्सो के मामलों के लिये 1023 फास्ट ट्रैक अदालतें बनाने के प्रस्ताव को 16 राज्यों ने स्वीकृति प्रदान की है और 420 अदालतों की स्थापना की जा रही है। उन्होंने बताया कि इनमें से 161 अदालतें कार्यरत हो चुकी है। जनप्रतिनिधियों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों के निपटारे के लिए देश भर में गठित विशेष अदालतों में उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में मात्र एक विशेष अदालत नाकाफी होने संबंधी पूरक प्रश्न के जवाब में प्रसाद ने कहा कि उन्होंने इस बारे में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर इस चिंता से अवगत करा दिया है। उन्होंने बताया कि उच्च न्यायालय ने विशेष न्यायालयों के गठन की दिशा में सकारात्मक पहल की है। आपराधिक मामलों के निस्तारण से जुड़े एक पूरक प्रश्न के उत्तर में प्रसाद ने बताया कि 2015 से इस साल तीन दिसंबर तक 1.17 करोड़ मामले निपटा दिये गये।