गुवाहाटी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को साफ कर दिया कि आर्टिकल 371 से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। आपको बता दें कि यह अनुच्छेद असम के साथ पूर्वोत्तर के सभी राज्यों को विशेष दर्जा प्रदान करता है। उत्तर पूर्वी परिषद (एनईसी) की 68वीं पूर्णकालिक बैठक को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से पिछले माह आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद स्थानीय लोगों को डर था कि अनुच्छेद 371 भी हटाया जाएगा।
Addressed the 68th plenary session of North Eastern Council in Guwahati, Assam.
Modi government is committed for the development of the North East while preserving the culture and language of the region.
Our government respects Article 371 and will not alter it in any way. pic.twitter.com/8BFoknonNy
— Amit Shah (Modi Ka Parivar) (@AmitShah) September 8, 2019
मैं उन्हें आश्वस्त करता हूं कि इससे कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। मैंने संसद में भी स्पष्ट किया था और यहां भी कहना चाहूंगा कि इसे नहीं हटाया जाएगा। आर्टिकल 370 अस्थायी व्यवस्था थी, जबकि आर्टिकल 371 एक विशेष प्रावधान है। दोनों में यह मूल अंतर है।
नरेंद्र मोदी सरकार अनुच्छेद 371 और 371 (ए) से लेकर 371 (जे) के तहत सभी प्रावधानों का सम्मान करती है। एक भी अवैध प्रवासी को देश में नहीं रहने दिया जाएगा। असम में समय पर नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजंस (NRC) का काम पूरा हो गया।
शाह ने यहां 8 उत्तर-पूर्वी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी बातचीत की। गौरतलब है कि असम के 3 करोड़ 30 लाख 27 हजार 661 लोगों ने NRC के लिए अर्जी लगाई थी। 31 अगस्त को जारी लिस्ट में तीन करोड़ 11 लाख 21 हजार 4 लोगों की नागरिकता सही पाई गई, जबकि 19 लाख 6 हजार 657 लोगों के नाम लिस्ट में नहीं थे। असम सरकार ने कहा है कि जिनका नाम NRC में नहीं है उन्हें विदेशी ट्रिब्यूनल के सामने अपनी नागरिकता साबित करने का मौका मिलेगा।