पोंजी घोटाला में मुख्य अभियुक्त मंसूर खान दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार, ED कर रही है पूछताछ
बेंगलुरु। IMA जेवेल्स के मालिक मोहम्मद मंसूर खान को कथित पोंजी घोटाले की जांच के सिलसिले में नई दिल्ली में गिरफ्तार किया गया और प्रवर्तन निदेशालय (ED) उससे पूछताछ कर रही है। (कर्नाटक सरकार के) विशेष जांच दल (SIT) ने यहां एक बयान में बताया कि दुबई से भारत लौटने के बाद खान को दिल्ली में गिरफ्तार कर लिया गया। वह दुबई भाग गया था। SIT ने बताया कि दुबई में उसके सूत्रों ने उसे लौटने और कानून के सामने उसे आत्मसमर्पण करने के लिए राजी किया। उसने कहा कि उसके हिसाब से वह दुबई से (उड़ान एआई 916) से दिल्ली के लिए रवाना हुआ और साढ़े तीन बजे वहां पहुंचा। उसे पकड़ने और गिरफ्तार करने के लिए SIT अधिकारी दिल्ली में थे।
SIT ने कहा कि उसके खिलाफ उसने और ED ने लुकआउट सर्कुलर जारी किया था और उसे अब प्रक्रिया के हिसाब से उसे सौंपा जाएगा। सूत्रों ने बताया कि नई दिल्ली में ED अधिकारी उससे पूछताछ कर रहे हैं। उसे SIT की विस्तृत जांच के लिए बाद में बेंगलुरु भेजा जाएगा। एक लाख से अधिक लोगों ने आईएमए जेवेल्स में निवेश किया था। आईएमए जेवेल्स ने 17 कंपनियां शुरू की थीं। SIT ने बताया कि खान ने लोगों को और ज्यादातर मुसलमानों को पांच कपंनियों में निवेश के लिए आमंत्रित किया था। उसकी कंपनी में 4084 करोड़ रूपये का निवेश किया गया था। SIT ने बताया कि उसे अपने निवेशकों को करीब 1400 करोड़ रूपये लौटाना था। करीब डेढ़ महीने बाद वह निवेशकों को झटका देते हुए दुबई भाग गया। उसने अपने निवेशकों से वादा किया था कि वह भारत लौटेगा और उनकी धनराशि लौटाएगा।
हजारों शिकायतों के आधार पर SIT ने खान एवं अन्य के विरूद्ध मामला दर्ज किया। उसने खान, कंपनी के 12 निदेशकों, बेंगलुरु (शहरी) जिले के उपायुक्त विजय शंकर, सहायक आयुक्त एल सी नागराज, बेंगलुरु विकास प्राधिकरण के एक अधिकारी और बृहद् महानगरपालिका के एक नामित पार्षद एवं एक ग्राम लेखाकार समेत 22 लोगों को गिरफ्तार किया है। दुबई भागने से पहले खान ने शिवाजीनगर के कांग्रेस विधायक आर रोशन बेग पर 400 करोड़ रूपये लेने और यह रकम नहीं लौटाने का आरोप लगाया था।
बेग ने इस आरोप को झूठा और मनगढंत करार देते हुए स्पष्ट रूप से खारिज कर दिया। कांग्रेस के खिलाफ बगावत करने वाले बेग को पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर निलंबित कर दिया गया है। उसके बाद वह बागी विधायकों के गुट में शामिल हो गये, जिन्होंने कर्नाटक विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। SIT ने बेग को हिरासत में लेकर गहन पूछताछ की और फिर उन्हें छोड़ दिया। उसने उन्हें 19 जुलाई (शुक्रवार) को फिर से हाजिर होने को कहा है।