अमरनाथ यात्रा में फिर बाधा बने अलगाववादी, लगी एक दिन की रोक

अमरनाथ यात्रा में फिर बाधा बने अलगाववादी, लगी एक दिन की रोक

जम्मू।अलगाववादियों द्वारा बुलाए गए बंद के कारण शनिवार को अमरनाथ जाने वाले तीर्थयात्रियों की यात्रा पर एक दिन की रोक लगा दी गई है। इसके बाद तीर्थयात्रियों को जम्मू से कश्मीर घाटी की ओर जाने की अनुमति नहीं दी गई है। कानून-व्‍यवस्‍था और अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस कदम को उठाया गया है।

ज्ञात हो कि 1913 में आज के ही दिन डोगरा महाराजा की सेना ने श्रीनगर सेंट्रल जेल के बाहर गोलीबारी की थी, जिसमें करीब 22 लोग मारे गए थे। आज के दिन को अलगाववादी हर साल शहीद दिवस के रूप में मनाते हैं। अलगाववादियों के बंद को देखते हुए तीर्थयात्रियों की यात्रा के मार्ग समेत अन्य स्‍थानों पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए है।

ये पहली बार नही है कि अमरनाथ यात्रा पर रोक लगाई गई है, इससे पहले यानी के 8 जुलाई को हिजबुल कमांडर आतंकी बुरहान वानी की बरसी पर अलगाववादियों ने विरोध प्रदर्शन किया था जिसकी वजह से अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों की यात्रा एक दिन के लिए स्थगित करनी पड़ी थी। बता दे कि आतंकी बुरहान वानी 8 जुलाई, 2016 को कोकेरनाग इलाके में सुरक्षा बलों के साथ एक मुठभेड़ में मारा गया था।

इस तरह मोदी का ह्यूस्टन दौरा या तो न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के आयोजन से पहले होगा या आम बहस में उनके बोल लेने के बाद। जलवायु के मुद्दे पर होने वाले शिखर सम्मेलन में मोदी की भूमिका एक स्टार के तौर पर हो सकती है। क्योंकि मोदी की जलवायु परिवर्तन पर उनके काम और भविष्य की योजनाओं के लिए गुटेरेस द्वारा बार-बार प्रशंसा की गई है। पिछले साल, गुटेरेस ने उन्हें संयुक्त राष्ट्र चैंपियंस ऑफ द अर्थ अवार्ड से सम्मानित भी किया था।

संयुक्त राष्ट्र की बैठकों के दौरान, मोदी के पास कई नेताओं से मिलने का एक अवसर होगा। इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और मोदी के बीच महासभा की बैठक से इतर मुलाकात हो सकती है, क्योंकि यह तय नहीं है कि ट्रंप शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे या नहीं। मोदी का इस साल का यह दौरा प्रधानमंत्री के तौर पर अमेरिका का छठा दौरा होगा।

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