बाड़ी विकास योजना श्रमिक बोहित के लिए बना अतिरिक्त आमदानी का जरिया

बाड़ी विकास योजना श्रमिक बोहित के लिए बना अतिरिक्त आमदानी का जरिया

कवर्धा। ग्राम सुराजी योजना के बाड़ी विकास से श्रमिक बोहित वैष्णव के लिए उनकी आय में दोगुनी करने और उनके अतिरिक्त आय को बढ़ानें में मददगार साबित रही है। बाड़ी विकास के कार्य से कवर्धा विकासखण्ड के ग्राम मथानीकला के बोहित वैष्णव और अन्य कृषक खुशी-खुशी साग, सब्जी उगाकर शासन की योजना का लाभ लेकर आमदनी का साधन बना लिए है। अपनी बाड़ी मे भिन्डी, बरबटटी, कोचई, गवार फल्ली सहित अन्य सब्जियां उगाकर बाजार में बेच कर अतिरिक्त आय का जरिया बनाया है। इन किसानों को मनरेगा योजना के तहत पारिश्रमिक भुगतान भी किया गया है, इससे किसानों की आय दोगुनी करने में मदद भी मिली है। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की सुराजी ग्राम योजना के सरकार की महत्वकांक्षी कार्यक्रम है। इस योजना के तहत ग्रामीण परिवेश पर आधारित रोजगार और अजीविकास को संवर्धन के लिए नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी का विकास किया जा रहा है। किसी भी शासकीय योजना का उदेश्य समाज के अंतिम छोर के व्यक्ति तक उनके आर्थिक बेहतरी के लिए सुविधा और साधन उपलब्ध कराना है, ताकि वे आत्मनिर्भर हो सके। छत्तीसगढ़ शासन द्वारा इन्हीं बातो को ध्यान में रखते हुए सुराजी योजना के तहत नरवा, गरूवा, घुरवा और बाड़ी कार्यक्रम से लोगो को लाभ देने की योजना बनाई गई है।

बोहित वैष्णव पिता थुनुक छोटे किसान के साथ-साथ महात्मांगांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के पंजीकृत श्रमिक भी है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से बाड़ी की साफ-सफाई, भूमि सतलीकरण और बाड़ी को घेरने के लिए 13 हजार दो सौ रूपए स्वीकृत किया गया। साथ ही उन्हे बाडी कार्यक्रम के तहत अनेक प्रकार के सब्जियों की बीज के लिए तीन हजार रूपए उद्यानिकी विभाग द्वारा अलग से दिया गया। अभिशरण द्वारा दो योजनाओ को मिलाकर उनके आर्थिक स्थिति को मजबूति प्रदान करने और उनके आय को दोगुना के उद्देश्य से 16 हजार दो सौ रूपए का काम श्री बोहित को मिल गया। बोहित अपने ही बाड़ी में काम करके रोजी भी कमा लिए। अब उनका मेहनत रंग ला रही है। कड़ी मेहनत के बाद उनकी बाड़ी से सब्जियों का उत्पादन भी शुरू हो गया है।

उनके द्वारा 10 डिसमील जमीन बाड़ी में साग सब्जियां उगाकर गांव के ही बाजार में बेच रहे है, इससे उनकी आमदनी भी बढ़ी। किसान बोहित बताते है की पहले भी बाड़ी में साग सब्जियां लगती थी,लेकिन भूमि का उपचार नहीं होने के कारण पैदावार कम होता था। इस बार अच्छा फसल तैयार हुआ है।

ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी ओम प्रकाश चन्द्रवंशी बताते है बोहित जैसे आठ कृषको ने बाड़ी विकास के काम से जुड़ कर योजना से अच्छा लाभ ले रहे है। पहले जहां पैदावार कम हुआ करता था वहीं अब पैदावार पहले से कई गुणा मिल रहा है, इस कारण सब्जियों को बेचकर इनकी आमदनी अधिक हो गई है।

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