मानदेय बढ़ाने से राधिका ने उत्साहित होकर मुख्यमंत्री को दी बधाई
उत्तर बस्तर कांकेर। कांकेर सीमा से लगेे ग्राम व्यासकोंगेरा के आंगनबाड़ी में कार्यकर्ता के पद पर पदस्थ रहकर श्रीमती राधिका कुंजाम आंगनबाड़ी के बच्चों को संस्कार और संस्कृति की सिखाती है। यही शिक्षा बच्चों के जीवन को संवारने में सहायक होगी। मानदेय बढ़ाने से ब्यासकोंगेरा के कार्यकर्ता श्रीमती राधिका कुंजाम ने उत्साहित होकर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कोटि-कोटि बधाई दी है।
श्रीमती राधिका ने बताया कि मानदेय बढ़ने से वह बहुत खुश है और अपने दोनों बेटियों को पढ़ाने में आर्थिक मदद भी मिलेगी। राधिका बताती है कि उनकी छोटी बिटिया रूपाली कुंजाम को डॉ. सी.व्ही. रमन पी.जी. गर्ल्स कॉलेज दुर्ग में बी.एस.सी. में पढा़ रही है और उनके बड़ी बेटी एम.ए. हिन्दी पी.जी कॉलेज कांकेर में पढ़ा रही है।
उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के रूप में 1996 से कार्यरत है उस समय उनका मानदेय मात्र 250 रूपये से प्रारंभ हुुुुुआ था। अब भूपेश सरकार ने 01 जुलाई 2019 से प्रदेश के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का 1500 रूपये एवं सहायिकाओं का 750 रूपये मानदेय बढ़ाकर बड़ी राहत दी है। अब कार्यकर्ताओं को 6500 रूपये, सहायिकाओं को 3250 और मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 4500 रूपये का मानदेय प्राप्त होने लगेगा।
ब्यासकोंगेरा के आगंनबाड़ी सहायिका श्रीमती बिराजो बाई कुंजाम ने भी 1996 से कार्य करना प्रारंभ किया है। उस समय उन्हें मात्र 150 रूपये मानदेय मिलता था, अब उनका मानदेय 01 जुलाई से 3250 रूपये मिलने लगेगा। वे बहुत प्रसन्नचित है और उन्होंने भी भूपेश सरकार को बधाई दी। बिराजो बाई बताती है कि अपने बच्चों को पढ़ाने में आर्थिक सहयोग मिलेगा। ब्यासकोंगेरा का आंगनबाड़ी केन्द्र में 22 बच्चे दर्ज है, जिसमें 04 वर्ष के कुमारी लक्ष्मी पिता सालिक राम, 03 वर्ष की यालिसा पिता आत्माराम अंग्रेजी वर्णमाला को धाराप्रवाह पढ़कर सुनाती हैं, आंगनबाड़ी के अन्य बच्चें भी संस्कार और संस्कृति का गाथा गढ़ रहे हैं। आंगनबाड़ी केन्द्र में 01 गर्भवती माता श्रीमती वर्षा कुंजाम और 05 शिशवती माताएं श्रीमती अनुसंुईयां, शांति, बिन्देश्वरी, सियाबत्ती और समीता बाई को पोषण आहार, रेडिटूईट, गरम भोजन आदि से लाभान्वित हो रही है।
* बच्चों को संस्कार और संस्कृति का ज्ञान कराती है