नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी (सीसीएस) की अहम बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि भारत ने सिंधु जल समझौते को फिलहाल रोकने का निर्णय लिया है। यह कदम भारत-पाकिस्तान संबंधों में बढ़ते तनाव के मद्देनजर उठाया गया है।
सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों को सार्क के तहत जारी किए गए सभी वीजा छूट रद्द करने का फैसला भी किया है। इसके अलावा भारत में मौजूद पाकिस्तानी दूतावास को बंद करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। केंद्र सरकार ने पाकिस्तानी राजनयिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ने का निर्देश दिया है।
इस फैसले के साथ ही अटारी बॉर्डर चेकपोस्ट को भी बंद किया जाएगा, जिससे भारत और पाकिस्तान के बीच जमीनी संपर्क भी समाप्त हो जाएगा। ये सभी फैसले भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा और आंतरिक स्थिरता को ध्यान में रखते हुए लिए गए हैं।
इससे पहले पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा था कि जिन लोगों ने ये हमला किया है, उन्हें सजा मिलेगी।
उन्होंने पोस्ट किया, ”मैं जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खो दिया है, उनके प्रति मेरी संवेदनाएं। मैं प्रार्थना करता हूं कि घायल लोग जल्द से जल्द ठीक हो जाएं। हमले में प्रभावित लोगों को हरसंभव सहायता प्रदान की जा रही है। इस जघन्य कृत्य के पीछे जो लोग हैं, उन्हें न्याय के कटघरे में लाया जाएगा। उन्हें बख्शा नहीं जाएगा। उनका नापाक एजेंडा कभी सफल नहीं होगा। आतंकवाद से लड़ने का हमारा संकल्प अडिग है और यह और भी मजबूत होगा।”
वहीं, इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ ने कहा कि आतंकी हमले का करारा जवाब दिया जाएगा और जल्द ही भारत की ओर से एक्शन लिया जाएगा।
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित ‘अर्जन सिंह मेमोरियल लेक्चर’ कार्यक्रम में बोलते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत सभी जरूरी कदम उठाएगा और घटना को अंजाम देने वालों तक जल्द ही हमारी पहुंच होगी।
रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत एक इतनी पुरानी सभ्यता और इतना बड़ा देश है, जिसे ऐसी किसी भी आतंकी गतिविधियों से डराया नहीं जा सकता। ऐसी हरकतों का जवाब, इसके जिम्मेदार लोगों को आने वाले कुछ ही समय में जोरदार तरीके से मिलेगा। यहां मैं, भारत के दृढ़ संकल्प को दोहराना चाहूंगा कि आतंकवाद के खिलाफ हमारी जीरो-टॉलरेंस पॉलिसी है। भारत का एक-एक नागरिक, इस कायरतापूर्ण हरकत के खिलाफ एकजुट है।
जानें क्या-क्या लिए गए फैसले
- 1960 की सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित रखा जाएगा, जब तक कि पाकिस्तान विश्वसनीय और अपरिवर्तनीय रूप से सीमा पार आतंकवाद के लिए अपने समर्थन को त्याग नहीं देता।
- एकीकृत चेकपोस्ट अटारी को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया जाएगा, जो लोग वैध अनुमोदन के साथ सीमा पार कर चुके हैं, वे 1 मई 2025 से पहले उस मार्ग से वापस आ सकते हैं।
- पाकिस्तानी नागरिकों को SAARC वीजा छूट योजना (SVES) वीजा के तहत भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पाकिस्तानी नागरिकों को अतीत में जारी किए गए किसी भी SVES वीजा को रद्द माना जाएगा। SVES वीजा के तहत वर्तमान में भारत में मौजूद किसी भी पाकिस्तानी नागरिक के पास भारत छोड़ने के लिए 48 घंटे हैं।
- नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग में रक्षा, सैन्य, नौसेना और वायु सलाहकारों को अवांछित व्यक्ति घोषित किया जाता है. उनके पास भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय है।
- भारत इस्लामाबाद स्थित भारतीय उच्चायोग से अपने रक्षा, नौसेना और वायु सलाहकारों को वापस बुलाएगा। संबंधित उच्चायोगों में ये पद निरस्त माने जाएंगे।