बदले-बदले से लग रहे गांव
सुकमा। सुकमा जिले के गांवों में गाय गोठान तेजी से आकर लिया हैं। यह गोठान राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी गांव सुराजी योजना नरवा, गरूवा, घुरवा और बारी के तहत बनाए जा रहे हैं योजना के तहत गांवों में पशुओं विशेष कर गौवंशी पशुओं और अन्य पालतु पशुओं के लिए बनाए जा रहे हैं। गांव की अर्थव्यवस्था में हमेशा से ही गौवंशी पशुओं का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। हम जानते हैं कि गांव ग्रामीण, किसान और पशु हमेशा से ही एक दूसरे के पर आश्रित रहे हैं, समय के साथ इनके बीच सरोकार थोड़ा कम हुआ। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को ओर सुदृढ़ बनाने के लिए राज्य सरकार की नरवा, गरूवा, घुरवा और बारी योजना अब संजीवनी का काम करेगी। सुकमा जिले के विभिन्न विकास खण्डों की 23 ग्राम पंचायतों के अन्तर्गत विभिन्न गांवों में गोठान बनाए गए हैं, गोठानों ने तेजी से आकर लिया हैं। उल्लेखनीय है कि जिले के कलेक्टर श्री चंदन कुमार के कुशल निर्देशन और उनके द्वारा कार्यों की लगातार मानीटरिंग और जिला पंचायत की मुख्य पालन अधिकारी सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी के मार्गदर्शन में विभागों द्वारा यह कार्य किया जा रहा हैं।
जिले के गांव नेतनार, केरलापाल, नीलावरम, कोर्रा, गोंगला, बुड़दी, कांजीपानी, पाकेला, चिपुरपाल, राजागुण्डा, सौतनार, बिरसठपाल, गुम्मा, किकिरपाल, रोकेल, मिसमा, सामसट्टी, दुब्बाटोटा, नागलगुण्डा, मराईगुड़ा (राजस्व), कांकेरलंका और पोलमपल्ली ग्राम पंचायतों के अन्तर्गत गोठान बनाए गए हैं। इन ग्राम पंचायतों के क्षेत्रों में बनाए गए गोठानों में गांव के पशु पालकों द्वारा अपने पशुओं को स्व:स्फूर्त लाया जा रहा हैं। यहां पर पशुओं को चारा, पानी की समुचित व्यवस्था की गई हैं। वहीं पर पशुओं के ठहराव के लिए मचान और शेड बनाए गए हैं।