ग्राम पंचायत मलनी व धुरकोट सचिव निलंबित

ग्राम पंचायत मलनी व धुरकोट सचिव निलंबित

जांजगीर-चांपा। जैजैपुर विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम पंचायत मलनी की सचिव श्रीमती अहिल्या बाई सिदार एवं जनपद पंचायत डभरा ग्राम पंचायत धुरकोट के सचिव श्री तोरन सिंह सिदार को कर्तव्यों के प्रति उदासीनता, गंभीर लापरवाही, स्वेच्छाचारिता एवं गंभीर वित्तीय अनियमितता के चलते मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अजीत वसंत ने निलंबित किया है। निलंबन अवधि के दौरान मलनी सचिव श्रीमती सिदार का मुख्यालय जनपद पंचायत जैजैपुर एवं धुरकोट सचिव का मुख्यालय जनपद पंचायत डभरा रहेगा। निलंबन अवधि में उन्हें जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।

मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत जैजैपुर के द्वारा दिए गए प्रतिवेदन के अनुसार सरपंच एवं सचिव ग्राम पंचायत मलनी के द्वारा बिना प्रस्ताव पारित किये मूलभूत योजना से राशि 80 हजार आहरण किए जाने, बाजार चैक में छतदार चबूतरा निर्माण कार्य राशि 50 हजार अग्रिम आहरण कर आज पर्यंत तक कार्यस्थल पर निर्माण कार्य नहीं करने एवं स्वच्छ भारत अभियान मिशन के तहत 14 वें वित्त योजना से 13 लाख 10 हजार एवं एसबीएम (ग्रामीण)योजना से राशि 20 लाख 20 हजार कुल 33 लाख 30 हजार रूपए की राशि आहरण करने के उपरांत भी ऐसे हितग्राही जिन्होंने स्वयं के व्यय से शौचालय का निर्माण किया था, उन 81 शौचालय के हितग्राहियों को प्रोत्साहन राशि 9 लाख 72 हजार का भुगतान आज तक नहीं किया गया। सचिव से इस संबंध में स्पष्टीकरण मांगा गया, लेकिन उनके द्वारा जवाब संतोषजनक नहीं पाए जाने पर उन्हें पदीय कर्तव्य के प्रति लापरवाही एवं वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है, जो छग पंचायत (आचरण) नियम 1998 के विपरीत है, इसके चलते सचिव को निलंबित किया गया।

इसी प्रकार डभरा सीईओ के द्वारा दिए गए प्रतिवेदन के अनुसार जिला कार्यालय स्वच्छ भारत मिशन से ग्राम पंचायत धुरकोट के ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति को 49 लाख 40 हजार रूपए प्रदाय किया गया। समिति द्वारा बैंक से 49 लाख 36800 एवं 14 वें वित्त से 11 लाख की राशि का आहरण किया गया। इस प्रकार 60 लाख 36800 रूपए की राशि का आहरण करने के बाद ऐसे हितग्राही जिन्होंने स्वयं से शौचालय निर्माण किया था उन्हें 30 लाख 60 हजार रूपए का भुगतान किया जाना था, लेकिन सचिव के द्वारा उक्त राशि में से 15 लाख 24000 रूपए की राशि का ही भुगतान किया गया, लेकिन 15 लाख 36 हजार रूपए की राशि का भुगतान नहीं किया गया। शेष 15 लाख 36 हजार रूपए का भुगतान करने के लिए सचिव को पर्याप्त समय दिया गया, लेकिन सचिव द्वारा भुगतान पावती प्रस्तुत नहीं की गई। इसी तरह 14 वें वित्त की राशि 11 लाख रूपए का समायोजन आज पर्यंत तक नहीं किया गया। सचिव द्वारा कुल 26 लाख 36 हजार रूपए की राशि का आहरण कर गबन किया गया। सचिव का यह कार्य कर्तव्य के प्रति घोर उदासीनता, गंभीर लापरवाही, स्वेच्छाचारिता एवं गंभीर वित्तीय अनियमितता की श्रेणी में आता है जो छग पंचायत (आचरण) नियम 1998 के विपरीत है, इसके चलते धुरकोट सचिव को निलंबित किया गया।

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