मुकरने लगे हैं नान घोटाले के आरोपी
रायपुर। सूबे के चर्चित नान घोटाला मामला किसी न किसी कारण चर्चा में बना हुआ है। अब ताजा घटनाक्रम यह है कि न्यायालय में हुई गवाही से नया मोड़ आ गया है। एसीबी ने आरोप लगाया था कि नान के तत्कालीन अध्यक्ष डा. आलोक शुक्ला के निर्देश पर गिरीश शर्मा उनके हिस्से की अवैध राशि उनके मित्र डा. आनंद दुबे के पास पहुंचाया करता था. न्यायालय में डा. दुबे का बयान हुआ, जिसमें उन्होने गिरीश शर्मा से कोई राशि प्राप्त होने से पूरी तरह इंकार कर दिया. साथ ही यह भी कहा कि उन्होंने ऐसा कोई बयान एसीबी को कभी दिया ही नहीं था. एसीबी ने उनकी ओर से झूठा बयान लिखकर प्रकरण में लगा दिया था.दूसरी गवाही शिवशंकर भट्ट के स्टेनो टायपिस्ट जीतराम यादव की हुई. उसने भी नान में के मैदानी कर्मचारियों द्वारा राइस मिलरों से अमानक चावल लेने के बदले रिश्वत लेने और अवैध राशि नान मुख्यालय भेजे जाने तथा नान मुख्यालय के सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को अवैध राशि में हिस्सा मिलने से पूरी तरह इंकार किया है तथा यह कहा है कि एसीबी ने उसका भी झूठा बयान प्रकरण में लगा दिया है.इन बयानों ने एसीबी के कान खड़े कर दिए हैं। अब वे इन परिस्थितियों से निपटने अपनी तैयारी को दुरूस्त करना शुरू कर दिया है। ताकि आगे इस प्रकार के और गवाही आए तो उनके पक्ष को कमजोर न होना पड़े।